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नेशनल मिशन ऑन हिमालयन:वाटर सेंक्चुअरी’ से दूर होगा देश के हिमालयी राज्यों का जलसंकट…

देश के हिमालयी राज्यों में साल दर साल तेजी से गहराते जलसंकट से निपटने के लिए अब वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी की तर्ज पर ‘वाटर सेंक्चुअरी’ का निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने योजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान अल्मोड़ा को सौंप दी है। नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज (एनएमएचएस) के तहत वैज्ञानिकों ने योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।
एनएमएचएस के नोडल अधिकारी एवं संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि पायलट प्रोजेेक्ट के तौर 12 हिमालयी राज्यों में 12 जिले चिह्नित किए गए हैं। इसमें उत्तराखंड का चंपावत, पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग, असम के दीमा हिसाब जैसे जिले शामिल किए हैं।
इन राज्यों के उन जिलोें को चयनित किया है जिन्हें नीति आयोग ने विशेष जिले के रूप में चिह्नित किया है। इन जिलों में संकटग्रस्त जलस्रोतों को चिह्नित करने के साथ ही उन्हें वाटर सेंक्चुअरी के तौर पर विकसित किया जाएगा, इसमें ग्रामीणों की भी मदद ली जाएगी। इसके तहत टीमें जलस्रोतों को चिह्नित करने, सूखे जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने, जल की गुणवत्ता और भूमिगत जल से जुडे़े पहलुओं का अध्ययन कर रही है।