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विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष के बिना सिर्फ 1 दिन का होगा विधानसभा सत्र।

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उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र करुणा की चपेट में आ गया है। मानसून सत्र में न विधानसभा अध्यक्ष होंगे ना नेता प्रतिपक्ष होंगी और सत्र भी केवल 1 दिन का होगा, सत्र के दौरान प्रश्नकाल भी नहीं होगा। रविवार को विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति एवं सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि राज्य में भर्ती कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब 23 सितंबर को सिर्फ एक दिन इसी सत्र आयोजित होगा।

विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया कि विधायकों को 6 फुट की दूरी पर बिठाने की व्यवस्था की है 31 विधायक सभा मंडप 10 विधायक दर्शक और पत्रकार दीर्घा में बैठेंगे जबकि 30 विधायकों के बैठने की व्यवस्था फंक्शन हाल में होगी कुछ विधायकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ने पर सहमति दी है।

उत्तराखंड के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार होगा जब विधानसभा क्षेत्र के दौरान न विधानसभा अध्यक्ष मौजूद रहेंगे ना नेता प्रतिपक्ष इसकी वजह है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंद्रा हिरदेश कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं फिलहाल 11 विधायक सत्र की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे सत्र संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान करेंगे।

हालांकि विपक्ष ने सत्र बढ़ाए जाने की मांग की है कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और उप नेता सदन करण महारानी कहां है कि सदन अगर 1 दिन का हो सकता है तो 3 दिन का भी हो सकता था मुद्दों की भरमार है और सरकार चर्चा से बचना चाह रही है कांग्रेस सदन में चार मुख्य बिंदुओं पर सदन काक सारा काम रुकवा कर चर्चा की मांग करेगी।

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