बीते वर्ष उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में स्थित औली में दक्षिण अफ्रीका के बिजनेस मैन गुप्ता बंधुओं की 18 से 22 जून के बीच संपन्न हुई थी। यह शादी सदी सबसे बड़ी शाही शादियों में शुमार है। शादी से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। कोर्ट ने गुप्ता परिवार को 3 करोड़ रुपये का भुगतान करने को भी कहा था ताकि इवेंट खत्म होने के बाद उस जगह को री-स्टोर किया जा सके।
वहीं अब उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने सबसे बड़ी शाही शादी के मामले में फैसला सुनाते हुए पर्यटन सचिव से कमेटी गठित कर पर्यावरण को हुए नुकसान को कंट्रोल करने के साथ साथ वहां पर हो रही गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश देते हुए साफ तौर से कहा है कि औली में विंटर खेल गतिविधियों के अलावा किसी भी प्रकार की अन्य गतिविधियों पर सरकार रोक लगाए, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
बता दें कि काशीपुर निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के औली बुग्याल में 18 से 22 जून तक के बीच करीब चार सौ करोड़ रुपये से गुप्ता बन्धुओं के बेटों की शादी का आयोजन हुआ, जिसमें मेहमानों को लाने ले जाने के लिए करीब 200 हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था की गई, और इन हेलीकॉप्टरों से पर्यावरण को खतरा होगा साथ ही बुग्यालों और क्षेत्र में रहने वाले जंगली जानवरों को भी खतरा होगा याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा दिए गए पूर्व के आदेश की अनदेखी की जा रही है, जिसमें कोर्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों बुग्यालों आदि में किसी भी प्रकार की गतिविधि में प्रतिबंध लगाया था।