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प्रदेश के समाज कल्याण दफ्तरों में 13 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय गड़बड़ी, शासन ने माँगा जवाब..

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प्रदेश में कमजोर व वंचित वर्गों, निराश्रितों के कल्याण की योजनाओं, छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल क्षेत्रों में अवस्थापना विकास सुविधाओं के कार्यक्रमों को भ्रष्टाचार की दीमक और नियमों से खिलवाड़ करने की समाज कल्याण महकमे की हरकत से भारी चोट पहुंच रही है। समाज कल्याण निदेशालय हल्द्वानी, अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग जिलों में तैनात जिला समाज कल्याण अधिकारी दफ्तरों के साथ ही देहरादून जिले के कालसी और लांघा पोखरी के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में नियमों को ताक पर रखकर 13 करोड़ से ज्यादा धनराशि के इस्तेमाल में वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी गई है। शासन से मिली 1.19 करोड़ राशि का समाज कल्याण निदेशालय हल्द्वानी के इस्तेमाल नहीं करने का खामियाजा 2018-19 में छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित होने के तौर पर भुगतना पड़ा।

सरकार की ओर से कराए गए वर्ष 2018-19 के लिए कराए गए वित्तीय ऑडिट में समाज कल्याण महकमे के उक्त कार्यालयों में सरकारी धन के इस्तेमाल में जमकर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। शासन ने समाज कल्याण सचिव को उक्त ऑडिट रिपोर्ट भेजकर अनियमितता पर जवाब मांगा है।

अल्मोड़ा जिले में राजकीय अनूसचित जनजाति छात्रावास फलसीमा में मरम्मत व रंग-रोगन पर 2.79 लाख का भुगतान किया गया, लेकिन महकमे को इस खर्च की भौतिक रिपोर्ट तक नहीं दी गई। जिले में अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल क्षेत्रों में अवस्थापना विकास सुविधाओं की 36 कार्ययोजनाओं के लिए स्वीकृत 2.85 करोड़ में से 50 फीसद यानी 1.42 करोड़ कार्यदायी संस्थाओं को दी गई, लेकिन उपयोगिता प्रमाणपत्र और भौतिक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त नहीं की गई। इसीतरह छात्रों के भोजन व्यवस्था के लिए निविदा आमंत्रित नहीं की गई। 12 लाख से ज्यादा राशि का भुगतान ठेकेदार को किया गया।

इसीतरह समाज कल्याण निदेशालय हल्द्वानी में 1.92 करोड़ की अनुदान राशि कल्याण योजनाओं पर खर्च करने के बजाय बैंक खातों में जमा रखी गई। समाज कल्याण के विभिन्न जिला कार्यालयों में बैंक खातों में मौजूद धनराशि को पीएलए खाते में जमा नहीं कराया गया।

रुद्रप्रयाग जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय ने 2018-19 में प्राप्त बजट में से 56.47 लाख रुपये वित्तीय वर्ष के अंतिम दो दिनों में वापस किए, इससे बजट का अन्य जगह इस्तेमाल नहीं हो सका। कल्याणकारी योजनाओं की 4.58 लाख की राशि का उपयोग नहीं किया गया। 259.46 लाख की राशि जिला समाज कल्याण अधिकारी के बैंक खाते में गलत तरीके से रखी गई, इसे पीएलए खाते में जमा नहीं कराया गया। डॉ भीमराव बहुद्देश्यीय भवन 74.94 लाख खर्च होने के बाद भी पूरा नहीं हुआ। कार्यदायी संस्था ने 120.16 लाख का संशोधित इस्टीमेट भेजकर 43.24 लाख रुपये अतिरिक्त की मांग गई। विभिन्न राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में भोजन मद के भुगतान में प्रोक्योरमेंट नियमों से मुंह चुराया गया।

 

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