उत्तराखण्ड राज्य से बाहर के कुछ लोगों ने पहाड़ पर जमीन तो खरीद ली, लेकिन जमीन खरीदते समय जो उद्देश्य बताया था उसे पूरा नहीं किया। ये उस जमीन का प्रयोग किसी और प्रायोजन के लिए कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने अब इन मामलों पर संज्ञान लेते हुए इसे उत्तर-प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा का उल्लंघन मानकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिला प्रशासन ने बताया है कि उत्तराखण्ड राज्य से बाहर के व्यक्तियों द्वारा सवा नाली से अधिक भूमि विभिन्न प्रयोजन जिसमें कृषि बागवानी प्रयोजनार्थ,औद्यौगिक प्रयोजन हेतु भूमि क्रय किये जाने के सम्बन्ध में शासन/जिला स्तर से अनुमति ली जानी होती है। अल्मोड़ा जनपद में भी पूर्व में विभिन्न प्रयोजन हेतु अनुमतियां दी गयी हैं, उक्त दी गयी अनुमतियों में जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है कि शासन/जिला स्तर से जिस प्रयोजन हेतु सम्बन्धित आवेदकों को भूमि क्रय करने की अनुमति प्रदान की गयी है उसका वर्तमान में उसी प्रयोजन हेतु प्रयोग नहीं किया जा रहा है जो दी गयी शर्ताे का स्पष्ट रूप से उल्लघंन है।
ऐसे प्रकरणों पर उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 166 जिसमें इस अधिनियम के उपबन्धों के उल्लघंन में किया गया प्रत्येक संक्रमण शून्य होने तथा धारा 167 में संक्रमण के व्यर्थ होने के परिणामों का उल्लेख किया गया है, के अनुसार ’उक्त अधिनियम की धारा 166-167 के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु जिला कार्यालय के माध्यम से जिले के सभी उप जिलाधिकारियों को दिये गये हैं, कि वह उक्त सम्बन्ध में कृत कार्यवाही करते हुए जिला कार्यालय को अवगत कराते हुए शासन एवं जिला स्तर से दी गयी अन्य समस्त अनुमतियों पर शासनादेश में दी गयी शर्तों के अनुपालन स्थिति से अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे। जिले के तहसील अल्मोड़ा अन्तर्गत कुल 03, तहसील रानीखेत अन्तर्गत कुल 18 तथा तहसील भनोली एवं सल्ट अन्तर्गत 01-01 प्रकरण प्रकाश में आये हैं।