Home उत्तराखंड उत्तराखण्ड- 2022 में रिकार्ड 8 महिलाएं चुनाव जीत विधानसभा पहुंची..

उत्तराखण्ड- 2022 में रिकार्ड 8 महिलाएं चुनाव जीत विधानसभा पहुंची..

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राजनीतिक दल महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने दावे करते रहे हैं, लेकिन टिकट वितरण के समय यह बराबरी देखने को नहीं मिलती है। इसके बावजूद भी महिलाओं को जब-जब मौका उन्होंने अपने आप को साबित करके दिखाया है। इस बार के विधानसभा चुनावों में 8 महिलाओं ने जीत दर्ज कर परचम लहराया है। उत्तराखंड गठन के बाद सदन में पहली बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक है।

राज्य गठन के बाद 2002 में चुनाव हुए। तब 72 महिलाएं मैदान में उतरीं। चार महिलाओं ने जीत दर्ज की। इनमें विजया बड़थ्वाल, अमृता रावत, आशा देवी, इंदिरा हृदयेश थीं। 2007 में 58 महिलाओं ने चुनाव लड़ा तो सिर्फ चार सदन की दहलीज पर पहुंच पाईं। इनमें विजया बड़थ्वाल, अमृता रावत, आशा नौटियाल और बीना महाराना रहीं। वर्ष 2012 में 63 महिलाओं ने चुनाव लड़ा। जीत का आंकड़ा पांच पहुंचा। शैलारानी रावत, विजया बड़थ्वाल, सरिता आर्य, इंदिरा हृदयेश और अमृता रावत जीतीं। 2017 में ममता राकेश, ऋतु खंडूड़ी, मीना गंगोला, रेखा आर्य, इंदिरा हृदयेश जीतीं।

2022 में भी 62 महिलाएं लड़ीं। जिसमें से रेखा आर्य, सरिता आर्य, ऋतु खंडूड़ी, शैलारानी रावत, सविता कपूर, ममता राकेश, रेनू बिष्ट, अनुपमा रावत जीत दर्ज की है।

यहां बेटियों ने लिया पिता की हार का बदला- उत्तराखण्ड के जिस चुनावी रण में पिता को पराजय मिली थी, उसी रण में बेटियों ने विधानसभा चुनाव जीत कर पिता की हार का हिसाब बराबर कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी लगातार दूसरी बार विधायक बनी, इस बार उन्होंने कोटद्वार से चुनाव जीता। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बनी हैं। उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के दिग्गज प्रत्याशी यतीश्वरानन्द को हराया। 2017 के चुनाव में हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत ने चुनाव जीतकर पिता की हार का हिसाब चुकता किया।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को भाजपा ने इस बार कोटद्वार सीट से उतारा। वर्ष 2012 में पूर्व सीएम भुवन चन्द्र खंडूरी इस सीट पर चुनाव हार गए थे, उन्हें कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह नेगी ने पराजित किया। इस बार ऋतु खंडूरी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह नेगी को पराजित कर पिता की हार का हिसाब बराबर किया।