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जो घाटी में विस्फोटक, बारूदी गरम हवा देंगे, हम उनको जन्नत की 70 हूरों से मिलवा देंगे, राष्ट्रीय कवि हरिओम पंवार की इन पंक्तियों पर जमकर झूमा देहरादून….

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सोमवार को नगर निगम टाउन हॉल देहरादून में राष्ट्रीय कवि संगम उत्तराखंड देहरादून के तत्वावधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन “एक शाम राम के नाम” कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, राष्ट्रीय कवि संगम के संस्थापक अध्यक्ष जगदीश मित्तल, राष्ट्रीय कवि संगम के क्षेत्रीय अध्यक्ष अशोक गोयल, क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकान्त श्री, निष्ठा बिल्डर के चेयरमैन संजय चौधरी, CIMS and UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन ललित जोशी, उपाध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम संजीव जैन द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कवियत्री सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिस का संचालन मणि अग्रवाल ‘मणिका’ द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में मीरा ‘नवेली’, डॉक्टर दीपिका वर्मा, डॉ उषा झा, कविता बिष्ट, निशा ‘अतुल्य’, डॉक्टर क्षमा कौशिक एवं विजय ‘वंदिता’ द्वारा काव्य पाठ किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ओज के प्रसिद्ध कवि जसवीर सिंह ‘हलधर’ की पुस्तक “अमर जवान ज्योति” का लोकार्पण मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सहित अन्य अतिथियों ने किया। जिसे केबीएस प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन भारतीय इतिहास का वह युग है, जो पीड़ा, कड़वाहट, दंभ, आत्मसम्मान, गर्व, गौरव और शहीदों के लहू को समेटे हुए है। स्वतंत्रता के इस महायज्ञ में समाज के प्रत्येक वर्ग ने अपने-अपने तरीके से बलिदान दिए। इस स्वतंत्रता के युग में साहित्यकार, लेखकों और कवियों ने अपना भरपूर सहयोग दिया। अंग्रेजों को भगाने में कलमकारों ने क्रांतिकारियों और देश के अन्य लोगों में अलग भूमिका निभाई। कवियों ने अपनी कविता से लोगों में देशप्रेम की ऐसी अलख जगाई कि लोग घरों से बाहर निकल आए। भारत की राष्ट्रीयता का आधार सांस्कृतिक एकता रही है।

दूसरे सत्र में परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज भी उपस्थित रहे इस दौरान डॉ अशोक बत्रा, शैलेन्द्र मधुर, महिमा श्री, अवनीश मलासी, धर्मेंद्र उनियाल धर्मी, अनूप भारतीय, कविता बिष्ट, श्रीकांत श्री द्वारा काव्य पाठ किया गया कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय कवि डॉ. हरिओम पंवार रहे, उन्होंने अपनी इन पंक्तियों से हॉल में उपस्थित श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।

“तालिबानों अपने घर में नाचो कूदो खेल करो, जिससे चाहो जंग करो तुम जिससे चाहे मेल करो, लेकिन मेरे कश्मीर के सपने देखना बंद करो, पाकिस्तानी गरम तवे पर हाथ सेकना बंद करो, तालिबानों अब्बा चाचा जो भारत में आएंगे, ओसामा की तरह बिन दफनाए कफन में जाएंगे, हम घाटी के आतंकी अभियान कुचल कर रख देंगे, कोयल के घर कौवों का अरमान कुचल कर रख देंगे, जो घाटी में विस्फोटक, बारूदी गरम हवा देंगे, हम उनको जन्नत की 70 हूरों से मिलवा देंगे।”

कार्यक्रम के अंत में केक काटकर राष्ट्रीय कवि डॉ. हरिओम पंवार का जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय कवि व कार्यक्रम संचालक श्रीकान्त श्री, पद्मश्री वीके संजय, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ हरि ओम पंवार, डॉ अशोक बत्रा, शैलेन्द्र मधुर, महिमा श्री, अवनीश मलासी, धर्मेंद्र उनियाल’धर्मी’, अनूप भारतीय, संजय साफी, कविता बिष्ट, इंद्र अग्रवाल, ऋतु गोयल, पवन शर्मा, अशोक गोयल, सिद्धार्थ बंसल, भूपेश त्यागी, संजय अग्रवाल, संजीव वर्मा, डॉ सुनीता गोयल,  संजीव जैन, ललित जोशी आदि देहरादून के साहित्यकार मौजूद रहे।