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कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर नहीं पड़ेगा कोई असर-मुख्य सचिव…

मुख्य सचिव ने कहा शासनादेश का आशय भविष्य में रिक्त होने वाले पदों से है.

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सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभावित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक से, इस तरह की सेवा शर्तों के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्यसचिव आनंद वर्द्धन ने स्पष्ट किया है कि, इस रोक का आशय मात्र भविष्य में होने वाली भर्तियों से है।

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभावित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक संबंधित ताजा शासनादेश का, इस तरह की व्यवस्था के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि उक्त शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि, भविष्य में रिक्त पदों पर अब मात्र नियमित भर्तियां ही की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी शासनादेश पिछली तिथि से लागू नहीं होता, इस कारण इस शासनादेश का असर भी आगामी भतिर्यों पर होगा, पहले से कार्यरत कर्मचारी इससे प्रभावित नहीं होंगे। सभी विभाग इसी क्रम में शासनादेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, अंशकालिक, नियत वेतन व तदर्थ भर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रिक्त नियमित पदों पर भर्ती के लिए चयन आयोगों को अधियाचन भेजें। जो अधिकारी आउटसोर्स भर्तियां करेगा, व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानते हुए उसके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से सभी प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारियों को रोक संबंधी आदेश जारी किया गया। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद चतुर्थ श्रेणी के पदों को समाप्त किया गया था, जिसकी जरूरत पूरी करने के लिए आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी तैनात किए जाते रहे हैं। विभागों में नियमित भर्तियों में होने वाले विलंब के चलते भी आउटसोर्स-संविदा भर्तियों को बढ़ावा मिला।

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