सुधा सत्यन नाम की अध्यापिका एयर इंडिया की दिल्ली से शिकागो जा रहे विमान में सवार थीं। तभी कैप्टन के नाम की घोषणा हुई जिसे सुनकर वह 30 साल पुरानी यादों के गलियारों में खो गईं। उन्हें वह समय याद आया जब वह एक युवा प्लेस्कूल की अध्यापिका हुआ करती थीं और उन्होंने एक तीन साल के एक लड़के से उसका नाम पूछा था। उस लड़के ने खुद को कैप्टन रोहन भसीन बताया था। आज वह लड़का सच में विमान के कॉकपिट में सवार था।
विमान में बैठीं अध्यापिका ने एयरहोस्टेस से उन्हें पायलट से मिलाने का अनुरोध किया। जब कैप्टन उनके पास आया तो उन्होंने उसे गले लगा लिया और रोने लगीं। रोहन की मां ने ट्विटर पर इस अद्भुत क्षण की तस्वीर साझा की है। उन्होंने पायलट और अध्यापिका की दो तस्वीरें साझा की हैं। जिसमें से एक बचपन (1990-91) की और दूसरी रविवार की है।
रोहन की मां निवेदिता भसीन ने ट्विटर पर लिखा, ‘प्लेस्कूल में दाखिले के दौरान अध्यापिका ने मेरे बेटे से उसका नाम पूछा था। उसने तुरंत कहा कैप्टन रोहन भसीन और उस समय उसकी उम्र केवल तीन साल थी। आज वही टीचर शिकागो जा रही थीं और वह सच में कैप्टन बन गया है।’
रोहन के आसमान छूने का सपना खानदानी है। उनके दादा कैप्टन जय देव भसीन देश के उन सात पायलटों में से एक थे जो 1954 में कमांडर बने थे। रोहन के माता-पिता भी इंडियन एयरलाइंस से जुड़े हुए हैं और एयर इंडिया का एआई बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाते हैं।
रोहन ने अपनी पायलट की ट्रेनिंग कक्षा 12वीं से शुरू कर दी थी और अपना इन-एयर एक्सपीरियंस को-पायलट के तौर पर 2007 में शुरू किया था। उन्होंने अपनी साथी के साथ शादी की है। सत्यन मुंबई में एक प्लेस्कूल चलाती हैं। उनके पति एयर इंडिया में इंजीनियर हैं और वह भसीन के परिवार से मुंबई में रहने के दौरान संपर्क में रहते थे।