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श्रीदेवसुमन विवि. के पूर्व कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी पर एक और कार्रवाई, दिसंबर 2020 का वेतन रोका।

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पूर्व कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी द्वारा शासनादेशों एवं कुलपति के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने, विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्थाई रूप से उपस्थित न होने, बिना कुलपति के अनुमोदन के विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्यभार ग्रहण करने, फिर स्वंय बिना कुलपति की अनुमति के विश्वविद्यालय वाहन सहित मुख्यालय छोडने आदि के कारण उन्हे कुलपति ने औचित्यपूर्ण स्पष्टीकरण देने और विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्थाई रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु पत्र जारी किया था, लेकिन सुधीर बुडाकोटी ने न विश्वविद्यालय को अपना स्पष्टीकरण दिया और न ही विश्वविद्यालय मुख्यालय में उपस्थित हुये। इसके बाद कुलपति डा. पी. पी. ध्यानी द्वारा कुलसचिव को अनुमन्य वाहन पर प्रतिबन्ध लगाया गया और साथ ही साथ विश्वविद्यालय में कुलसचिव के रूप में किये जाने वाले सभी कार्यकलापों सेे भी उन्हें प्रतिबन्धित किया गया। कुलपति डा. ध्यानी ने कुलसचिव द्वारा किये गये अमर्यादित कार्यो के बारे में राज्य सरकार और राजभवन को अवगत कराकर, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी द्वारा किये गये अमर्यादित कार्यो की जांच कराने हेतु और उन्हें तुरन्त विश्वविद्यालय से हटाकर नये कुलसचिव की नियुक्ति हेतु अनुरोध किया।

कुलपति के सख्त एक्शन और संस्तुति को संज्ञान में लेकर राजभवन द्वारा राज्य सरकार को इस प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। राज्य सरकार द्वारा भी तुरन्त सुधीर बुडाकोटी पर कडी कार्यवाही की गयी और उन्हे शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त कर दिया गया और उत्तराखण्ड शासन के उच्च शिक्षा विभाग में अग्रिम आदेशों तक सम्बद्ध किया गया।

सुधीर बुडाकोटी पर अब शासन ने और सख्त कार्यवाही करने का मन बना लिया है – ऐसा प्रतीत होता है। शासन ने उन्हे 24 दिसम्बर, 2020 को कुलपति द्वारा पूर्व में उठाये गये 09 बिन्दुओं पर औचित्यपूर्ण स्पष्टीकरण उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये हैं और कुलपति द्वारा विरत किये जाने पर स्वंय 10 दिसम्बर, 2020 को मा0 मंत्री, उच्च शिक्षा,उत्तराखण्ड के निजी स्टाप/कार्यालय में योगदान, बिना शासकीय अनुमति के, दिये जाने के दृष्टिगत स्पष्टीकरण देने हेतु निर्देशित किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 पी0 पी0 ध्यानी ने भी सुधीर बुडाकोटी पर विश्वविद्यालय के नियमानुसार आगे और भी कार्यवाही करने का मन बना लिया है, उन्होने कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी के दिसम्बर, 2020 माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है और इस सन्दर्भ में एक जांच समिति भी गठित कर दी है, जो गुुण-दोष के आधार पर अपनी स्पष्ट आख्या/अभिमत विश्वविद्यालय को उपलब्ध करायेगी ताकि सुधीर बुडाकोटी के वेतन आहरण आदि पर विश्वविद्यालय के नियमानुसार फैसला हो सके और शासन को अवगत कराया जा सके।

डा. ध्यानी का स्पष्ट कहना है कि राज्य के विश्वविद्यालयों को अकर्मण्य, बेलगाम, अनुशासनहीन और अमर्यादित अधिकारियों व कर्मचारियों से मुक्त कराना जरूरी है, तब ही राज्य के विश्वविद्यालय उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हो पायेंगे।