बागेश्वर के राजकीय जूनियर हाई स्कूल (करूली) के बच्चों की शानदार हैंडराइटिंग इन दिनों चर्चा में है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बच्चों की इस शानदार हैंडराइटिंग को अपने सोशल अकाउंट पर भी शेयर किया है। उन्होंने लिखा है बागेश्वर के राजकीय जूनियर हाई स्कूल (करूली) के इन बच्चों की शानदार handwriting (सुलेखन) की तस्वीरें आप सबका मन मोह लेंगी। आज के Computor और mobile युग में इस विधा के संरक्षण की ज़रूरत है। कई विद्यालयों में इस तरह का प्रयास हमारे शिक्षक गण कर रहे हैं, जहां नहीं हो रहा है वहाँ भी करना चाहिए।
शिक्षा महानिदेशक की इस पोस्ट के बाद शिक्षा विभाग ने छात्र-छात्राओं का हस्तलेख सुधारने के विषय में सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है, जिसमें छात्र-छात्राओं को सुन्दर लेख लिखने के प्रति जागरूक करने एवं निबयुक्त पेन से हस्तलेख का अभ्यास कराने के लिए विद्यालयों को निर्देशित कराने को कहा गया है।
अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड डॉ. मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी कर कहा है कि उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि समय-समय पर विद्यालयों के निरीक्षण में यह पाया गया है कि प्राय: अधिकांश छात्र-छात्राओं का हस्तलेख सुन्दर नहीं होता। शिक्षक भी छात्रों के हस्तलेख सुधारने में प्राय: उदासीन होते हैं अथवा अधिक परिश्रम नहीं करते। छात्रों के लेख में सुडौलता एवं सुंदरता की कमी तथा और स्पष्टता होने के कारण परीक्षा परिणाम में भी कमी आती है।
हस्तलेख में कमी का मुख्य कारण छात्र-छात्राओं द्वारा लेखन का कम अभ्यास एवं बॉलपेन का प्रयोग किया जाना है, पूर्व में छात्र छात्राओं को रिंगाल/ बौना बॉस की क़लम अथवा निबयुक्त पेन से लेख सुधारने हेतु अधिक से अधिक अभ्यास कराया जाता था इससे छात्र छात्राओं के लेख में सुडौलता के साथ-साथ शुद्धता भी आती थी।
उक्त के आलोक में छात्र-छात्राओं को पुन: सुंदर लेख लिखने के प्रति जागरूक करने एवं रिंगाल/निबयुक्त पेन से हस्तलेख का अभ्यास कराने के लिए विद्यालयों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें।