देहरादून: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के अफसर एसआइटी की कार्रवाई से बचते फिर रहे हैं। घरों में नोटिस तामिल कराने के बावजूद हरिद्वार और दून के दो अफसर फोन बंद कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। इधर, दून के बड़े इंस्टीट्यूट संचालक भी बचने के रास्ते तलाश रहे हैं।
करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण, राजस्व विभाग और शासन के कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। एसआइटी ऐसे अफसरों की सूची बना रही है। अभी तक जिला समाज कल्याण अधिकारियों की भूमिका घोटाले में सामने आई है।
इसके लिए एसआइटी ने हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी रहे अनुराग शंखधर के हरिद्वार और देहरादून अजबपुर खुर्द आवास पर नोटिस चस्पा कर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। मगर, वह बयान दर्ज कराने के बजाय फोन बंद कर अंडरग्राउंड हो गए।
इसी तरह देहरादून के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी और तीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी भी एसआइटी से दूरी बना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ अपने बचाव को हाईकोर्ट भी चले गए हैं। हालांकि अभी तक एसआइटी ने किसी को भी स्टे मिलने से इन्कार किया है।
एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी का कहना है कि अभी जांच जारी है। कुछ अधिकारियों को बयान दर्ज कराने के नोटिस जारी किए थे। जल्द इस मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। उन्होंने कहा कि घोटाले में जिसकी भी संलिप्तता मिलेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।