
उत्तराखंड में गैरसैंण हमेशा एक बडा मुद्दा रहा है। अलग राज्य की मांग के लिए लड़े गए आन्दोलन में गैरसैंण में राजधानी की मांग की गई थी। लेकिन अलग राज्य बनने के बाद देहरादून को प्रदेश की अस्थाई राजधानी बनाया गया और सरकारी कामकाज देहरादून से चलता रहा। लेकिन राज्य आंदोलनकारियों की गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग जारी रही। और समय-समय पर यह आंदोलन उग्र रूप भी लेते रहे हैं।
गैरसैंण राजधानी का मुद्दा राज्य निर्माण के बाद लड़े गए हर चुनाव में चुनावी मुद्दा भी बना रहा, लेकिन स्थाई राजधानी बनाने की पहल कोई भी सरकार नहीं कर पाई। इस बीच निवर्तमान सरकार ने मार्च 2020 में बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 4 मार्च को सदन में इसकी घोषणा की व 8 जून 2020 को राज्यपाल ने भी सरकार के इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई और गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बना दिया गया।
वहीं अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण जाकर ग्रीष्मकालीन सरकार के कामकाज को देखने का ऐलान किया है। एक ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा है कि ग्रीष्म काल 15 सितंबर तक रहेगा, समय आ गया है 15 अगस्त से पहले गैरसैंण जाकर ग्रीष्मकालीन सरकार के दर्शन व उसके कामकाज का आंकलन कर लिया जाए, मैं इस पुण्य कार्य को पूरा करने के लिए 9 अगस्त को गैरसैंण जाऊंगा।
#ग्रीष्म_काल 15 सितंबर तक रहेगा। समय आ गया है, 15 अगस्त से पहले #गैरसैंण जाकर #ग्रीष्मकालीन_सरकार के दर्शन व उसके कामकाज का आंकलन कर लिया जाय। मैं इस पुण्य कार्य को पूरा करने के लिये 9 अगस्त को गैरसैंण जाऊंगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) August 2, 2020
हरीश रावत के इस ट्वीट के बाद एक बार फिर गैरसैंण का मुद्दा चर्चा में है। इस मुद्दे पर राज्य में बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग भी शुर हो गई है। हरीश रावत ने अपने गैरसैंण दौरे को लेकर कहा है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी का कार्यकाल लगभग 15 सितंबर तक होता है, और ऐसे में 9 अगस्त को वह गैरसैंण क्षेत्र में जा कर देखेंगे कि सरकार वहां क्या कर रही है उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार ग्रीष्मकालीन क्षेत्र में डटी होगी और काम कर रही होगी।
वहीं इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि हरीश रावत एक ऐसे नेता है जो हर वक्त मीडिया में छाए रहना चाहते हैं, इसलिए वह इस तरह के बयान देते हैं जिससे मीडिया में वह नजर आए। बंशीधर भगत का कहना है कि गैरसैंण में में सरकार कार्य कर रही है और ऐसे में वहां जाकर हरीश रावत क्या करेंगे।