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रोडवेज कर्मियों ने 11 दौर की बातचीत के बाद स्थगित की हड़ताल…

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देहरादून: समान काम समान वेतन और दो माह का लंबित वेतन तत्काल जारी करने की मांग को लेकर रोडवेज के चालक-परिचालकों की प्रस्तावित बेमियादी हड़ताल बुधवार देर रात 11 दौर की वार्ता के बाद स्थगित हो गई। मंगलवार को चार चरण की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने हड़ताल पर एस्मा लगा दी थी, लेकिन रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर अड़े थे।

बुधवार को पूरे दिन सरकार सुबह से कर्मचारियों को मनाने में जुटी रही। सुबह सचिवालय में प्रबंध निदेशक से वार्ता विफल होने के बाद देर रात तक 11 दौर की वार्ता का क्रम चलता रहा। अंत में महाप्रबंधक निधि यादव के आवास पर हुई वार्ता में समझौता हो गया। सरकार ने तीन दिन के अंदर संविदा और विशेष श्रेणी कर्मचारियों का अप्रैल के लंबित वेतन जारी करने का आदेश दिया है।

इसके अलावा नियमित कर्मचारियों का मार्च का वेतन इस माह के अंत तक जारी कर दिया जाएगा, जबकि अप्रैल और मई का वेतन जून में एक साथ दे दिया जाएगा। इस आदेश के बाद कर्मचारियों ने गुरुवार सुबह से होने वाली बेमियादी प्रदेशव्यापी हड़ताल वापस ले ली। इससे सरकार और रोडवेज प्रबंधन ने राहत की सांस ली।

उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा बेमियादी हड़ताल को लेकर रोडवेज प्रबंधन को दो नोटिस दिए गए हैं। प्रांत कार्यकारिणी ने 24 मई से सभी डिपो और कार्यशालाओं में हड़ताल का एलान किया है तो मंडल स्तर पर तीनों मंडलों देहरादून, नैनीताल एवं टनकपुर कार्यकारिणी ने 16 मई से चालकों व परिचालकों के कार्य बहिष्कार का एलान किया था।

रोडवेज में समान काम व समान वेतन व्यवस्था लागू करने, संविदा व विशेष श्रेणी कर्मियों को नियमित करने और समय पर वेतन देने जैसी प्रमुख मांगों पर यूनियन आंदोलन कर रही है। इसे लेकर रोडवेज प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार ने प्रांतीय नेताओं के साथ मंगलवार को सचिवालय में बैठक की थी।

इसमें महाप्रबंधक निधि यादव, दीपक जैन समेत वित्त नियंत्रक पंकज तिवारी, जबकि यूनियन से प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, विपिन चौधरी, हरेंद्र कुमार, योगेश राठी व अबरार अहमद मौजूद थे। प्रबंधन द्वारा दो महीने का लंबित वेतन तत्काल जारी करने पर असमर्थता जताई।

इस पर यूनियन ने वार्ता बीच में छोड़ दी थी और कार्य बहिष्कार पर अडिग रहने का एलान किया था। हड़ताल को लेकर तीनों मंडलों में हुई वार्ता भी देर शाम विफल हो गई थी। तय हुआ कि 16 मई से चालक-परिचालक कार्य बहिष्कार करेंगे और 24 मई से सभी कर्मचारी बेमियादी कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। इस पर सरकार ने कोई और विकल्प न देख हड़ताल पर एस्मा लगा दी।

इसके साथ ही रोडवेज प्रबंधन द्वारा नियमित चालकों और परिचालकों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई। दरअसल, कर्मचारी यूनियन में संविदा, विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों की संख्या दो हजार से ऊपर है। नियमित कर्मचारियों में से ज्यादातर दफ्तरों में बैठे हैं व नियमित चालक-परिचालकों की संख्या बेहद कम है। जो नियमित चालक-परिचालक छुट्टी पर थे, उन्हें भी वापस बुला लिया गया।

साथ ही दफ्तर में बैठे पुराने चालकों से भी बसें चलाने की तैयारी की गई। माना जा रहा था कि हड़ताल से प्रदेश में रोडवेज बसों का 75 फीसद संचालन प्रभावित होगा। दरअसल, मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा बस संचालन संविदा-विशेष श्रेणी चालक और परिचालक ही कर रहे हैं। इनके हड़ताल पर जाने से मैदानी डिपो खासकर ग्रामीण व डीलक्स डिपो, ऋषिकेश, हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, काशीपुर, नैनीताल, काठगोदाम एवं हल्द्वानी डिपो की व्यवस्था चरमरा सकती थी।

एस्मा के बावजूद हड़तालियों के तेवर गरम देख शासन ने रोडवेज कर्मियों को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बुधवार सुबह सचिवालय में साढ़े नौ बजे प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार ने दोबारा कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय नेताओं से वार्ता की। इसमें बाकी मांगें तो मान ली गईं लेकिन वेतन तत्काल जारी करने पर पेच फंसा रहा। प्रबंधन ने आर्थिक घाटे का हवाला देकर ऐसा करने में असमर्थता जताई। जिस पर वार्ता फिर विफल हो गई।

इसके बाद शाम तक 10 दौर की वार्ता शासन और रोडवेज प्रबंधन से चलती रही। शाम को सरकार ने प्रस्ताव दिया कि वेतन के लिए वो साढ़े चार करोड़ रुपये अभी जारी करने को तैयार है। लंबित वेतन को भी अगले माह तक पूरा करने का आश्वासन दिया गया। इस पर कर्मचारी यूनियन की आपात बैठक देर शाम आइएसबीटी परिसर में हुई, लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर अड़े रहे।

रात आठ बजे 11वें दौर की वार्ता शुरू हुई। प्रबंध निदेशक फोन पर बने रहे, जबकि महाप्रबंधक निधि यादव के आवास पर अधिकारियों की बैठक चली। तय हुआ कि विशेष श्रेणी और संविदा कर्मचारियों का वेतन तीन दिन में जारी कर दिया जाएगा। नियमित में पर्वतीय और कोटद्वार डिपो का वेतन जारी कर दिया गया है और बाकी का इस माह के अंत तक जारी कर दिया जाएगा। बताया गया कि परिवहन सचिव किन्हीं कारणों से बाहर हैं, उनके वापस आते ही बाकी बिंदुओं पर बात हो जाएगी।

यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार के वेतन देने के आदेश के बाद गुरुवार से प्रस्तावित हड़ताल 23 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अभी 24 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार यथावत रहेगा।

हाईकोर्ट में हड़ताल के खिलाफ याचिका

रोडवेज की हड़ताल के खिलाफ बुधवार को एक व्यक्ति की तरफ से हाईकोर्ट की डबल बेंच में जनहित याचिका लगाई गई है। जिस पर गुरुवार को सुनवाई होगी। यूनियन के महामंत्री ने बताया कि उनकी तरफ से हाईकोर्ट में जवाब भेजा जा रहा है कि किन कारणों में कार्य बहिष्कार जैसा फैसला लेना पड़ा।