रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में आई तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.रिलायंस इंडस्ट्रीज ऐसा करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. आपको बता दें पिछले साल सरकारी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन को पीछे छोड़ते हुए RIL देश में सबसे अधिक आमदनी दर्ज करने वाली कंपनी भी बन गई है. पेट्रोलियम से लेकर, रीटेल और टेलीकॉम जैसे विभिन्न सेक्टर्स में फैली RIL ने वित्त वर्ष 2018- 19 में कुल 6.23 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है. वहीं, आईओसी ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में 6.17 लाख करोड़ रुपये का एकीकृत कारोबार किया. जबकि, RIL आईओसी से दो गुना लाभ कमाकर देश की सबसे बड़ी मुनाफा कमाने वाली कंपनी भी है.
देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट यहां देखें (मार्केट कैप के लिहाज से मनीकंट्रोल पर जारी लिस्ट)
(1) रिलायंस इंडस्ट्रीज- मार्केट कैप – 9 लाख करोड़ रुपये
(2) टीसीएस (टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेस)- मार्केट कैप-7.67 लाख करोड़ रुपये (3) HDFC बैंक-मार्केट कैप-6.70 लाख करोड़ रुपये
(4) HUL (हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड) – मार्केट कैप-4.54 लाख करोड़ रुपये
(5) HDFC लिमिटेड-मार्केट कैप-3.59 लाख करोड़ रुपये
(6) इन्फोसिस-मार्केट कैप-3.27 लाख करोड़ रुपये
(7) कोटक महिंद्रा बैंक-मार्केट कैप-3.06 लाख करोड़ रुपये
(8) ITC (इंडियन टोबैको कंपनी)-मार्केट कैप-3.03 लाख करोड़ रुपये
(9) ICICI बैंक- मार्केट कैप-2.82 लाख करोड़ रुपये
(10) बजाज फाइनेंस-मार्केट कैप-2.40 लाख करोड़ रुपये
इससे पहले अगस्त 2018 में रिलायंस आठ लाख करोड़ रुपए बाजार पूंजीकरण का स्तर छूने वाली देश की पहली कंपनी का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है। कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शेयर बाजारों में उसके शेयर की कीमत पर निर्भर करता है और इसमें रोजाना बदलाव होता रहता है।
शुक्रवार को ही कंपनी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा करने वाली है। बाजार विश्लेषकों को उम्मीद है कि सितंबर तिमाही के लिए कंपनी मजबूत आंकड़े पेश करेगी। ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए एक सर्वे में 14 में से 10 विश्लेषकों का मानना है कि आरआईएल का एकीकृत शुद्ध लाभ 11,256 करोड़ रुपए रहेगा। 9 विश्लेषकों का अनुमान है कि कंपनी का राजस्व 1.51 लाख करोड़ रुपए रहेगा।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने भी अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अगले दो सालों में 200 अरब डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन सकती है। बैंक का मानना है कि न्यू कॉमर्स वेंचर, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड ऑपरेशन और डिजिटल पहल कंपनी को 200 अरब डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल करने में मदद करेंगे।