Home अपना उत्तराखंड नैनीताल रामनगर- डम्पर व स्कूटी की भिडंत में एक की पूर्व फौजी की...

रामनगर- डम्पर व स्कूटी की भिडंत में एक की पूर्व फौजी की मौत

636
SHARE

उत्तराखंड के रामनगर में डम्पर ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी, हादसे में स्कूटी सवार पूर्व फौजी की मौके पर ही मौत हो गई| पूर्व फौजी अपनी पूत्रवधू के साथ मन्दिर से घर वापस लौट रहे थे, हादसे में उनकी पूत्रवधू गम्भीर रुप से घायल हो गई। घटना से गुस्साये ग्रामीणो ने मौके पर डम्परों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शव रखकर चार घंटे तक यातायात जाम कर दिया। बाद में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियो ने ग्रामीणो को समझाकर जाम खुलवाया। जानकारी के अनुसार मडडैया निवासी पूर्व फौजी पान सिंह रावत (62 वर्ष) अपनी पुत्रवधू प्रीति पत्नी नरेन्द्र रावत को चिल्किया मन्दिर से लेकर अपनी स्कूटी से घर वापस लौट रहा था। इसी बीच जस्सागांजा के निकट सामने से आ रहे एक खाली डम्पर ने स्कूटी पर जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में पूर्व फौजी की मौत हो गई जबकि प्रीति को गम्भीर रुप से घायल होने पर ग्रामीणो द्वारा चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां चिकित्सको ने उसकी हालत नाजुक देखते हुये उसे उपचार के लिये हल्द्वानी रैफर कर दिया। डम्पर से फौजी की मौत से गुस्साये ग्रामीणो ने मौके पर शव को सड़क पर रखकर डम्परो की आवाजाही बंद करने की मांग को लेकर यातायात बाधित कर दिया।

ग्रामीणो के तेवर देखते हुये ग्राम प्रधान निधि मेहरा ने कोतवाली पहुंचकर पुलिस को डम्परो के परिचालन की एवज में पैसे लेने का आरोप लगाते हुये जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान अपने वार्षिक निरीक्षण पर कोतवाली आये एसएसपी सुनील कुमार मीणा कोतवाल के कक्ष में ही बैठे रहे। बाद में पुलिस अधिकारियो ने एक महिला दरोगा व कोतवाल रवि कुमार सैनी को मेहरा के साथ मौके पर भेजकर अपना पीछा छुड़ाया। दूसरी ओर जाम लगाये जाने की सूचना मिलने पर एसडीएम विजयनाथ शुक्ल भी घटनास्थल पर पहुंच गये । जहां पर ग्रामीणो ने उनके सामने कोसी नदी का कालूसिद्ध गेट बंद करने व डम्परो की आवाजाही के लिये अन्यत्र रास्ता तलाशने की मांग करते हुये शव उठाने से मना कर दिया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ग्रामीणो को शव उठाने के लिये राजी कर पाया। जिसके बाद पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिये भिजवाया गया। ग्रामीणो की मांग पर इलाके में फिलहाल पुलिस चौकी खोलने पर सहमति बनी जिसके लिये ग्राम प्रधान ने भवन उपलब्ध कराने पर सहमति दी है। जबकि कोसी नदी का कालूसिद्ध निकासी गेट मौके से हटाने के लिये वन-निगम के डीएलएम अनीस अहमद से चर्चा की गई।