उत्तराखंड में एसआईटी ने छात्रवृति घोटाले में फंसे जनजाति आयोग के उपनिदेशक और हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को छह घंटे की पूछताछ के बाद बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार कर लिया।
शंखधर पर नियमों के खिलाफ सीधे निजी शिक्षण संस्थाओं के बैंक खातों में छात्रवृत्ति की रकम ट्रांसफर करने और छात्र-छात्राओं का सत्यापन ना कराने जैसे गंभीर आरोप हैं। गिरफ्तार अधिकारी को सिडकुल थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपों से घिरे पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर तीन नोटिस जारी होने के बाद भी एसआईटी के सामने पेश होने से बचते रहे। उन्हें पहले से अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा था, इसी आशंका में गिरफ्तारी पर स्टे पाने के लिए वो हाईकोर्ट पहुंच गए थे।
हाईकोर्ट ने पिछले शनिवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान शंखधर को किसी तरह की राहत देने से साफ इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह में एसआईटी के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करने के आदेश दिए थे। गैर हाजिर चल रहे शंखधर ने बुधवार को जनजाति आयोग आफिस पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया था।
बृहस्पतिवार सुबह करीब ग्यारह बजे शंखधर रोशनाबाद में एसआईटी कार्यालय पहुंच गए थे। एसआईटी ने उनसे करीब छह घंटे पूछताछ की। वो ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं दे सके।
देर शाम एसआईटी ने उन्हें सरकारी धन की बंदरबांट कराने और पद का दुरुपयोग करने समेत कई गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी कार्यालय से उन्हें सीधे सिडकुल थाने ले जाया गया। शंखधर को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को धारा 420, 409, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसआईटी पूछताछ के दौरान शंखधर अधिकांश सवालाें का जवाब नहीं दे सके।
– मंजूनाथ टीसी, एसआईटी प्रभारी,