उत्तराखण्ड़ भाजपा ने बीते सप्ताह पार्टी से निष्कासित विधायक कुंवर प्रणब सिंह चैंपियन की पार्टी में वापसी कराई, विधायक चैंपियन करीब एक साल पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो व विवादित बयानों के कारण पार्टी से निष्कासित किए गए थे। चैंपियन की भाजपा में वापसी के बाद प्रदेश में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड को गाली देने वाले विधायक की भाजपा में वापसी कराने पर भाजपा की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
वहीं चैंपियन की वापसी व देशराज कर्णवाल को माफी के बाद बागियों की भी पार्टी में वापसी की उम्मीद जगी है। प्रदेश में इस समय 400 से अधिक नेता इस समय पार्टी से बाहर चल रहे हैं। माना जा रहा है कि इन सभी नेताओं का वनवास भाजपा के दशरथ बंशीधर भगत जल्द खत्म करवा सकते हैं। बंशीधर भगत हल्द्वानी में ऊंचापुल स्थित रामलीला में वर्षों से दशरथ का रोल अदा करते आए हैं, इसलिए उन्हें भाजपा का दशरथ भी कहा जाता है।
भाजपा के कुछ बड़े नेता 2017 विधानसभा चुनाव से ही निष्कासित चल रहे हैं, तो वहीं कुछ पंचायत चुनावों में बगावत के बाद पार्टी से बाहर चल रहे हैं। रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से प्रमोद नैंनवाल बागी होकर उस समय के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ चुनाव लड़े थे, यहां अजय भट्ट को हार झेलनी पड़ी थी। प्रमोद नैंनवालव को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। हालांकि बंधीधर भगत के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर प्रमोद नैंनवाल पार्टी ऑफिस में दिखाई दिए थे, तभी से उनकी पार्टी में वापसी की चर्चाएं जोरों पर थी, अब जबकि चैंपियन की वापसी हुई है तो प्रमोद नैंनवाल सहित अन्य बागियों की भी घऱ वापसी की उम्मीद बढ़ गई है।
बतााया जा रहा है कि भाजपा ने मिशन 2022 के लिए तैयारी शुरु कर दी है, इसी क्रम में पार्टी से निकाले गए नेताओं की वापसी पर काम किया जा रहा है। प्रदेश भऱ में भाजपा से निकाले गए 400 से अधिक नेताओं की वापसी के लिए प्रदेश नेतृत्व ने प्रयास शुरु कर दिए हैं। पार्टी से निकाले गए नेताओं की वापसी के लिए प्रकरण को जिला स्तरीय कमेटी व क्षेत्रीय विधायक की मंजूरी के बाद प्रदेश नेतृत्व को भेजा जाएगा। प्रदेश नेतृत्व उसमें पार्टी हाईकमान से मंजूरी लेगी। पार्टी हाईकमान से मंजूरी मिलते ही पार्टी से निकाले गए नेताओं की फिर से भाजपा में वापसी हो जाएगी।
वहीं बागियों की घर वापसी पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा है कि दूसरे संगठनों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकता है। लेकिन निकाले गए 400 से अधिक नेताओं की वापसी के लिए जिला प्रदेश नेतृत्व और हाईकमान से मंजूरी जरूरी है। जिला स्तर से आने वाले प्रकरणों को प्रदेश नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद हाईकमान भेजा जाएगा, मंजूरी मिलते ही फिर शामिल किया जाएगा।