उत्तराखण्ड में नई शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत हो चुकी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंगनबाड़ी स्तर पर बालवाटिका का शुभारंभ कर नई शिक्षा नीति की शुरूआत की। बालवाटिका कक्षाओं से प्री-स्कूलिंग शुरू हो गई है, अब चरणबद्ध तरीक से इसे लागू किया जाएगा। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत 5+3+3+4 के हिसाब से विद्यार्थियों की 12वीं तक पढ़ाई होगी।
नई शिक्षा नीति में नौवीं कक्षा से विद्यार्थियों को विषय चुनने की आजादी रहेगी, वह अपने पसंदीदा विषयों को चुन सकेंगे। साथ ही नई शिक्षा नीति में 10वीं बोर्ड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब सिर्फ 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा होगी।
इस प्रकार रहेगा 12वीं तक की पढ़ाई का पैटर्न-
फाउंडेशन स्टेज – इसमें पहले 3 वर्ष बच्चों को आंगनबाड़ी में प्री स्कूलिंग शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश के स्कूलों में इसकी शुरूआत हो गई है, इसके बाद बच्चे अगले दो वर्ष कक्षा 1 और 2 की कक्षा पढ़ेेंगे। इसमें 3 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा और पांच वर्ष में उनका पहला चरण समाप्त हो जाएगा।
प्रीप्रेटरी स्टेज- इस स्टेज में कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी। यह चरण 3 वर्ष में पूरा होगा। इसमें बच्चों की विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा। 8 से 11 वर्ष के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।
मिडिल स्टेज – इसमें कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई होगी, यह चरण 3 वर्ष में पूरा होगा। 11-14 वर्ष के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा, इसमें बच्चों के लिए खास कौशल विकास कोर्स भी शुरु होंगे।
सेकेंडरी स्टेज – सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होगी। यह चरण 4 वर्ष में पूरा होगा, इसमें बच्चों को अपने विषय चुनने की आजादी रहेगी। 14 से 18 वर्ष के विद्यार्थियों को इसमें कवर किया जाएगा।