उत्तराखण्ड में 3 दिन बारिश आफत बनकर बरसी जिससे कई जगहों पर जलभराव की स्थिति, तो कई जगहों पर भूस्खलन से मार्ग अवरूद्ध हो गए। प्रदेश में बारिश से अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है। सबसे अधिक 28 लोगों की मौत नैनीताल जनपद में हुई है। अल्मोड़ा जनपद में 6, पौड़ी में 3, चंपावत में 5, ऊधमसिंह नगर में 2, बागेेश्वर जनपद में 1, पिथौरागढ़ जनपद में 1 मौत हुई है। कुल 12 लोगों के घायल होने की सूचना है जबकि 11 लोग मिसिंग चल रहे है। 9 मकान भी डैमेज हुए हैं।
कुमाऊं रेंज में आसमानी आफत ने अधिक विनाशकारी स्वरूप धारण किया। अतिवृष्टि के कारण नदियों के बढ़े हुए जलस्तर और आबादी वाली क्षेत्रो में जलभराव के कारण मानव जीवन पर संकट अत्यधिक बढ़ गया। संकट की इस घड़ी में राज्य आपदा प्रबन्धन बल (एसडीआरएफ), एनडीआरएफ, सेना के जवान देवदूत बनकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं। देखें वीडियो-
कल रात रुद्रपुर में SDRF द्वारा राफ्ट की सहायता से जलमग्न हुए मकानों में जाकर कई ज़िन्दगियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया। वहीं 20 अक्टूबर सुबह खैरना से एनडीआरएफ-एसडीआरएफ टीमों द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर लगभग 25 लोगों को 2.5 किलोमीटर भूस्खलन प्रभावित रास्ता पार कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। यह लोग छड़ा में फंसे हुए थे एसडीआएएफ ने इन्हें गरम पानी नैनीताल पहुंचाया है।