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नवजात बच्चों की बीमारियों को ना करें नजरअंदाज, वक्त पर डॉक्टर से मिलें

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नई दिल्ली : अक्सर देखने में आता है कि जब बच्चे बीमार होते हैं तो उनके माता-पिता घरेलू इलाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये बिल्कुल भी सेफ नहीं है।

अक्सर देखने में आता है कि जब बच्चे बीमार होते हैं तो उनके माता-पिता घरेलू इलाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये बिल्कुल भी सेफ नहीं है। नोएडा के नवजात शिशु विशेषज्ञ अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि बच्चों की बामारियों को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए।

डॉक्टर सिंह ने कहा कि छोटे बच्चों की इम्युनिटी कम होती है और मौसम बदलने पर उन्हें बुखार आ सकता है लेकिन अगर दो तीन दिन से बच्चे को बुखार है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है या फिर अगर सांस में आवाज आ रही है और बच्चा तेजी से सांस ले रहा है तो तत्काल नजदीकी डॉक्टर के पास जाएं ताकि उसे सही समय पर इलाज मिल सके।

डॉक्टर ने कहा कि अक्सर लोग बच्चों की उल्टियों को भी गंभीरता से नहीं लेते। देखने में आया है कि उल्टियों और दस्त के कारण बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके लक्ष्णों को अक्सर लोग समझ नहीं पाते और घरेलू इलाज करने लगते हैं लेकिन ऐसे में डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।

डॉक्टर अरुण ने कहा कि अक्सर बच्चों की स्किल पर चकत्ते भी हो जाते हैं जिनको नॉर्मल समझा जाता है लेकिन कई बार ये गंभीर भी हो सकते हैं और वक्त पर इनका इलाज किया जाना चाहिए।

दरअसल नवजात बच्चे अपनी बीमारी बता नहीं पाते जिसके कारण परिवार के लोगों को सही तकलीफों का पता नहीं चल पाता। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलना सही रहता है।

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