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प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती के विरोध में आए विधायक, शिक्षकों के समर्थन में शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र…

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उत्तराखण्ड़ में प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती का विरोध बढ़ता जा रहा है। अब एक भाजपा विधायक भी शिक्षकों के समर्थन में उतर आए हैं, मामले में शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर प्रधानाचार्य के पदों को पदोन्नति से भरने की मांग की है। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि मात्र 10 प्रतिशत शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए भर्ती की जा रही है, प्रधानाचार्य का पद शतप्रतिशत पदोन्नति का पद है। 28 सितंबर को इस मसले पर बैठक बुलाई गई है, जिसमें भर्ती रद्द करने के लिए रणनीति तय की जाएगी।

राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य के पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरने से नाराज है। शिक्षकों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मसले पर विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, शिक्षक संघ की सहमति के बाद प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती की जा रही है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के मुताबिक, सरकार बताए कि प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती के लिए किस संगठन को विश्वास में लिया गया। कहा, संगठन इस भर्ती का शुरू से ही विरोध करता आ रहा है। उधर, रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को लिखे पत्र में कहा, राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती का विरोध कर रहा है। संघ का कहना है कि 90 प्रतिशत एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जा रहा है। विभागीय भर्ती परीक्षा को रद्द कराकर पहले की तरह शत प्रतिशत प्रधानाचार्य के पदों को पदोन्नति से भरा जाए। विधायक ने कहा, विभागीय सीधी भर्ती के निर्णय पर फिर से विचार करते हुए इन पदों को पदोन्नति से भरा जाए।