डोईवाला: डोईवाला में सौंग और जाखन नदी पर वन विकास निगम के खनन तौल कांटों से उतना माल नहीं निकल रहा है। जितना माल खनन भंडारणों से निकल रहा है।
शासन व प्रशासन द्वारा स्वीकृत खनन भंड़ारणों में एक बड़ा खेल खेला जा रहा है। इन भंडारणों में दो नंबर के माल को एक नंबर का बनाकर धड्डल्ले से आगे बेचा जा रहा है। जिससे सरकार को हर रोज लाखों का नुकसान और खनन माफिया को लाखों का फायदा मिल रहा है। डोईवाला में एग्रीकल्चर में पास कई ट्रैक्टर अवैध खनन में लिप्त हैं। ये ट्रैक्टर-ट्राली पूरी रात नदियों से अवैध खनन करके स्वीकृत खनन भंडारणों में माल पहुंचाते हैं। फिर खनन भंडारण संचालक ऑन लाइन बाहर से रायल्टी खरीदकर इन माल को उसमे दिखा देते हैं।
यदि डोईवाला में वन विकास निगम द्वारा संचालित सभी खनन तौल कांटों से निकलने वाले माल और भंडारणों से निकलने वाले माल की जांच की जाए तो पूरी तश्वीर साफ हो सकती है। यदि वन विकास निगम के कांटों से माल कम और भंडारणों से अधिक निकल रहा है तो साफ पता चलता है कि चोरी का माल खरीदा गया है। ऑन लाइन रायल्टी खरीद से खनन माफिया को काफी लाभ मिल रहा है। सुत्रों का कहना है कि अवैध खनन की काली कमाई शासन व प्रशासन में बैठे कुछ लोगों की जेब में जा रही है। जिस कारण सभी इस तरफ से आंखे मूंदे हुए हैं। एग्रीकल्चर में पास अवैध खनन कर रहे कुछ ट्रैक्टर संचालकों को भी ऊपर बैठे कुछ लोगों की शह मिली हुई है। जिस कारण डोईवाला में अवैध खनन का बड़ा खेल शातिर तरीके से खेला जा रहा है।
डोईवाला में सभी खनन भंडारणों व स्क्रीनिंग प्लांट से संबधित रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है। जिसके बाद इस मामले में ऊपर के स्तर से ही कार्रवाई की जानी है। कुंदनलाल सलाल, खनन प्रभारी डोईवाला।