जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा पुलवामा पर हमले के 12 दिनों बाद मंगलवार तड़के 3.40 बजे और 3.53 बजे के बीच टाइगर स्क्वाड्रन के चार मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में मरकज सैयद अहमद शहीद प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। मिराज लड़ाकू विमान ने या तो क्रिस्टल मेज मिसाइलें या स्पाइस 2000 स्मार्ट बम गिराईं क्योंकि विमान दोनों से लैस थे। खुफिया अधिकारियों के अनुसार इस हमले में 325 आतंकवादी और आतंकियों के ट्रेनर मारे गए हैं।
अधिकारियों ने तस्वीरों के साक्ष्य का हवाला देते हुए यह जानकारी दी जिसे मीडिया के साथ साझा नहीं किया गया था, इन तस्वीरों में से जैश के प्रशिक्षण शिविरों को ढक दिया गया था। क्रिस्टल मेज मिसाइलों का 100 किमी का दायरा होता है। स्पाइस 2000 स्मार्ट बम पारंपरिक बमों को स्मार्ट बम में बदलने के लिए मिसाइलों की तरह ही तकनीक का इस्तेमाल कर सकती है।
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई पर आक्रामक तरीके से जवाब दिए। हालांकि शुरुआत में पाक ने हमलों को नाकाम बताया था लेकिन स्वीकार किया गया कि उसके हवाई क्षेत्र में सेंध लगाई गई है, और बाद में उन्हें “आक्रामकता भरा कार्य” बताया और प्रतिक्रिया देने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखा। इसके बाद शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सैन्य प्रमुखों और दो खुफिया एजेंसियों के प्रमुख के साथ देश की सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा की।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जॉन बोल्टन से फोन पर बात की और उन्हें भारत की कार्रवाई और भारत के बचाव के अधिकार के बारे में के बारे में जानकारी दी।
इस हमले के कुछ घंटों बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने भारत का पक्ष पेश किया और बताया कि मंगलवार की बमबारी बचाव के लिए की गई एक असैन्य हमले थे। असैन्य इसलिए क्योंकि इसका लक्ष्य सैन्य नहीं था (नागरिकों पर हमला नहीं था), बल्कि पाकिस्तान से संबंधित एक कैंप था जहां भारत के खिलाफ रणनीति तैयार की जा रही थी।