कर्म की प्रधानता किसी भी समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है। कर्म प्रधान समाज से ही नया भारत के निर्माण का सपना पूरा यह बातें कर्म योगी श्री नंदराम पुरोहित की 63 वीं जन्म जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित ‘कर्मयोग एवं राष्ट्र विकास’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री दुर्गा मल स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला के प्राचार्य प्रोफेसर डीसी नैनवाल ने कही। प्रोफेसर नैनवाल ने कहा कि समाज के निर्माण एवं विकास में कर्म की प्रधानता का होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत के 140 करोड़ जनता की ओर बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहा है, क्योंकि हमारे युवाओं ने वैश्विक जगत में अपनी प्रतिभा एवं कर्म योग से यह अहसास कराया कि आने वाली शताब्दी निश्चित रूप से भारत केन्द्रित होगी।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भूपतवाला हरिद्वार के आचार्य प्रोफेसर बीपी पुरोहित ने कहा कि हमारे ऋषियों एवं मुनियों ने हमें कर्म योग की प्रधानता एवं उसका महत्व स्पष्ट किया है हम उनका अनुसरण कर समाज को प्रगति पथ पर ले जाने मे सफल होंगे डॉक्टर पुरोहित ने कहा कि कर्मयोगी स्वर्गीय नंदराम पुरोहित का व्यक्तित्व कर्म प्रधान प्रेरित रहा है जिसे हम सबको अपनाना चाहिए उन्होंने ताउम्र अपने कर्म को श्रेष्ठ माना और कर्म की पूजा के लिए सर्मपित रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए आवश्यक है हम जिस क्षेत्र में भी रहे वहाँ सदैव कर्म को प्रधान मान कर अपना जीवन शैली अपनाये।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर पी मंमगाई, प्रोफेसर हर्ष डोभाल, एसजीआरआर पीजी कॉलेज के डॉक्टर एम के पुरोहित ने कर्म प्रधान समाज के निर्माण पर बल दिया। इस अवसर पर स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के प्राचार्य, दून वि0वि0 के उप कुलसचिव श्री नरेन्द्र लाल, रा0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के डॉ मनोज बिष्ट, डॉक्टर अरविंद भट्ट, त्रिभुवन खाली, डॉक्टर ज्योति खरे, गोपेश्वर से श्रीमती शकुंतला पुरोहित,पुरुषोत्तम पुरोहित, आशुतोष, इराक से चंद्रप्रकाश, रामनगर से मनोज देवराडी्, दिनेश चन्द्र सिंह परिहार, लोकेश सहित तमाम शिक्षाविद एवं बुद्धिजीवी संगोष्ठी मे आन लाइन मोड से जुड़े रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती कमला पुरोहित ने किया एवं संचालन दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने किया।