डोईवाला: राजकीय इंटर कॉलेज बड़ोवाला (जौलीग्रांट) के 12वीं के छात्र जतिन चौहान (16) के कूड़ा निस्तारण पर बनाए मॉडल को जापान में बड़ी कामयाबी मिली है।
जापान की सरकार ने न सिर्फ जतिन के इस मॉडल को सराहा है। बल्कि जतिन को स्कॉलरशिप लेने का आश्वासन भी दिया है। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जतिन ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद डिजाइनिंग व टैक्निकल के क्षेत्र में एक अनोखा मॉडल तैयार किया है। ये मॉडल 100 मीटर के दायरे में कचरा खुद ढूंढकर उसे रोबोटिक विधि द्वारा अपनी डस्टबिन में भर लेता है। और डस्टबिन के भर जाने के बाद डस्टबिन को खुद ही सील कर देता है। इतना ही नहीं ये मॉडल संबधित विभाग के हेड ऑफिस में डस्टबिन के भर जाने का मैसेज भी भेज देता है।
यदि कोई व्यक्ति डस्टबिन के बाहर कूड़ा फेंकता है तो ये मॉडल जोर से कूड़ा बाहर फेंकने का एलाउंस करने लगता है। और उस व्यक्ति की फोटो भी खींच लेता है। यदि वो व्यक्ति अपनी गलती सुधारकर कूड़ा उठाकर डस्टबिन में ड़ालता है तो उसकी फोटो खुद ही डिलीट भी हो जाती है। इस मॉडल का ढक्कन खोलने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। जब कोई व्यक्ति इस दस मीटर के दायरे में कूड़ा लेकर जाता है तो इसका ढक्कर अपने आप खुल जाता है। जापान के टोक्यो शहर में 20 से 26 अप्रैल तक चले कार्यक्रम में पांच देशों से चुने गए काफी बच्चों ने प्रतिभाग किया था। स्कूल, जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के बाद जतिन को विज्ञान एंव तकनीकी मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से जापान भेजा गया था। जतिन के मॉडल को जापान में नंबर एक मॉडल चुना गया है। स्कूल के प्रधानाचार्य एचएस रावत, शिक्षक पूजा रावत, एसपी बिष्ट, श्रीराम सिंह आदि द्वारा भी स्कूल में जतिन का स्वागत किया गया।
ऐसे मिली जतिन को प्रेरणा
लगभग तीन वर्ष पहले जब जतिन साईकिल से स्कूल जा रहे थे तो उन्होंने एक गंदी डस्टबिन के चारों तरफ कूड़ा बिखरा देखा। जिससे बहुत गंदी बदबू आ रही थी। और उस कूड़े को गायें खा रही थी। यही से जतिन को ये मॉडल बनाने की प्रेरणा मिली।
स्वच्छ भारत मिशन में है मिल का पत्थर
स्वच्छ भारत मिशन में जतिन का मॉडल मिल का पत्थर साबित हो सकता है। यदि यहां की सरकार इस दिशा में काम करे और जतिन जैसे होनहारों को आगे बढाए तो इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलवा आ सकते हैं।