उन्होंने ‘वर्ड्स काउंट महोत्सव’ में एक परिचर्चा के दौरान ये बात कही। एक श्रोता ने उनसे पूछा कि वह कब ‘प्रधान सेवक’ बनेंगी? (दरअसल, इस शब्द का इस्तेमाल मोदी खुद के लिए करते हैं।)
केंद्रीय मंत्री ने इस पर जवाब दिया, ‘कभी नहीं। मैं राजनीति में बेहतरीन नेताओं के साथ काम करने के लिए आई हूं और इस मामले में मैं बेहद सौभाग्यशाली रही हूं कि मैंने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता के नेतृत्व में काम किया और अब मोदी जी के साथ काम कर रही हूं।’
उन्होंने कहा, ‘जिस दिन प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी राजनीति से संन्यास ले लेंगे, मैं भी भारतीय राजनीति को अलविदा कह दूंगी।’
बता दें स्मृति एक बुक लॉन्च कार्यक्रम में पहुंची थीं। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वे बेहद खुश है घार हिंडते आकाशी एक मराठी पुस्तक को लॉन्च कर के। इस पुस्तक की लेखक शेफाली वैद हैं। यह कार्यक्रम पुणे में आयोजित किया गया था।