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इस बार फूलों की घाटी में खिले है 300 से जायदा की प्रजातियों ।

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हिमालय की गोद में बसा है फूलों का अद्भुत संसार….जिसे हम फूलों की घाटी के नाम से जानते हैं…ये एक ऐसी जगह है, जिसे लोग परियों की…सपनों की नगरी कहते हैं…कहा तो ये भी जाता है कि यहां अप्सराएं रहती हैं और इस खूबसूरत घाटी में जो भी आता है वो यहां की खूबसूरती और मदहोश कर देने वाली सुगंध से अपने होश गंवा देता है…हर कोई यहां आना चाहता है और प्रकृति की मनमोहक चित्रकारी को करीब से निहारना चाहता है, अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जो कि फूलों की घाटी के दर्शन करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी एक जून को देश-विदेश के पर्यटकों के लिए खुल जाएगी। हालांकि इस बार हुई बर्फबारी से घांघरिया से फूलों की घाटी तक 3 किमी पैदल ट्रेक क्षतिग्रस्त पड़ा है, पर घबराने की जरूरत नहीं है, 15 मई तक इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के कर्मचारियों की टीम ने विगत दिनों घाटी का निरीक्षण किया और शनिवार को निरीक्षण की रिपोर्ट पार्क के एसडीओ टीएस साईं को सौंप दी।

अधिकारियों ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी में खूब बर्फबारी हुई, जिससे पैदल ट्रैक को नुकसान पहुंचा है, कई जगह पुश्ते धंस गए हैं। घांघरिया से फूलों की घाटी तक तीन किमी पैदल ट्रैक जगह-जगह क्षतिग्रस्त पड़ा है। यहां एक किलोमीटर पैदल रास्ता करीब चार मीटर तक ध्वस्त पड़ा हुआ है। हालांकि ट्रैक को जल्द दुरुस्त कर दिया जाएगा। 15 मई तक इसे आवाजाही के तैयार किया जाएगा, जिसके बाद 1 जून से पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार कर सकेंगे। आपको बता दें कि रंग-बिरंगे फूलों के साथ ही जोशीमठ का ये क्षेत्र जैव विविधता के लिए भी मशहूर है। ये दुनिया की एकमात्र ऐसी घाटी है, जहां फूलों की 300 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिलती हैं। नवम्बर से मई महीने तक इस घाटी पर पूरी तरह बर्फ की चादर बिछी होती है। साल के बाकी दिन यहां रंग-बिरंग खूबसूरत फूल खिले मिलते हैं। अब यात्रा की सभी तैयारियां हो चुकी हैं, आप भी फूलों के रंग-बिरंगे संसार को निहारने के लिए तैयार हो जाइए…बैग पैक कर लीजिए…क्योंकि फूलों की घाटी आपके स्वागत के लिए तैयार है।