
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री के मामले में 35 शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है, तो वहीं अब रुद्रप्रयाग जिले के 11शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई है।चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन शिक्षकाें के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति की गई है।जाहिर है कि इन शिक्षकों ने यूपी में सक्रिय गैंग से सांठगांठ कर यह फर्जीवाड़ा किया है।
एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने 23 शिक्षकों की बीएड की डिग्रियों को सत्यापन के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी भेजा था। लंबे समय तक जवाब नहीं मिलने पर आईपीएस मिश्रा ने स्पेशल मेसेंजर को यूनिवर्सिटी भेजा था, जहां पर शिक्षक माया, वीरेन्द्र सिंह, महेन्द्र, सिंह, संगीता, मोहनलाल, कांति प्रसाद भट्ट, जगदीश लाल, राकेश सिंह, विजय सिंह, भवानी लाल और कौशल नरेश राणा की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
बीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले शिक्षकाें ने खुद को बचाने के लिए खूब दिमाग चलाया। एसआईटी प्रभारी आईपीएस मणिकांत मिश्रा ने बताया कि रुद्रप्रयाग के इन शिक्षकाें की डिग्री का सत्यापन कई माह से अटका हुआ था। आठ रिमांडर भेजे जाने के बावजूद चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्हें शक हुआ तो वजह जानने के लिए स्पेशल मेसेंजर को यूनिवर्सिटी भेजा गया। रजिस्ट्रार आफिस से बताया गया कि उन्हें एसआईटी का न तो कोई पत्र मिली और न ही कोई रिमांडर।एसआईटी के प्रतिनिधि ने तमाम रिमांडर की कापी उपलब्ध कराई तो पूरा माजरा समझ में आ गया।
एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिली सत्यापन रिपोर्ट में रुद्रप्रयाग के 11 शिक्षकों की डिग्री पाई गई है।यूनिवर्सिटी में इनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। जाहिर है कि बीएड की यह डिग्री गैर कानूनी तरीके से बनवाई गई है। शिक्षा निदेशालय को इन शिक्षकाें के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की गई है।