दलित हत्याकांड को लेकर सूबे में सियासत गरमा गई है। रविवार को मृतक के परिजनों से मुलाकात करने के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक घंटे के मौन व्रत पर बैठे। इस दौरान उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतक के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की।
देहरादून के गांधी पार्क में सुबह 10 बजे से 11 बजे तक हरीश रावत मौनव्रत पर बैठे। इस दौरान राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक मनोज रावत के साथ कई कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
मृतक के परिजनों से मुलाकात के बाद हरदा ने कहा था कि वो मौन व्रत के जरिए आपसी सौहार्द और भाईचारा बनाने का संदेश देने का काम करेंगे। दलित युवक की हत्या करना निंदनीय और चिंतनीय है। वह मौन धारण किसी के पक्ष या विपक्ष के लिए नहीं कर रहे हैं, न ही राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। वह एक राष्ट्रीय सद्भावना स्वरूप व्रत कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि किसी को भी दलित युवक की मौत को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
नैनबाग के बसाण गांव निवासी जितेंद्र दास की विवाह समारोह के दौरान मौत का मामला लगातार गरमाया हुआ है। कांग्रेस का हर बड़ा नेता जितेंद्र के गांव पहुंचकर सांत्वना दे चुका है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बाद रविवार को कांग्रेस महासचिव हरीश रावत भी बसाण गांव पहुंचे। वहां से देहरादून लौटकर हरीश रावत ने प्रायश्चित का कार्यक्रम तय कर दिया।