उत्तराखंड विधानसभा के प्रस्तावित बजट सत्र को लेकर प्रदेश में सियासत गर्माई हुई है।बजट सत्र के गैरसैंण में आयोजित किए जाए के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने इन कायासों पर पूर्ण विराम लगते हुए 14 फरवरी को हुई धामी सरकार की कैबिनेट का हवाला देते हुए कहा कि बजट सत्र देहरादून में ही होना तय हुआ है लेकिन अभी दिन तय नही हुआ है। बता दें कि हरीश रावत सरकार के दौरान बजट सत्र को गैरसैंण में ही आयोजित करने का संकल्प लिया गया था। कोरोना काल को छोड़कर तबसे बजट सत्र गैरसैंण में होता आ रहा है।
इस बार कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र देकर बजट सत्र का आयोजन दून में कराने की गुजारिश की। 14 फरवरी को आयोजित कैबिनेट बैठक में कैबिनेट ने भी बजट सत्र देहरादून में ही आयोजित करने पर महुर लगाई। जिसके बाद बजट सत्र आयोजन को लेकर प्रदेश में राजनीति गर्माई हुई है।
कुछ विधायकों द्वारा बजट सत्र को गैरसैंण के बजाए देहरादून में कराने की पैरवी पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। पूर्व सीएम हरीश रावत यह तक कहा कि जो लोग ठंड की वजह से गैरसैंण से दूरी बनाना चाहते हैं उन्हें उत्तराखंड छोड़कर चला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंडियत का प्रतीक है। उत्तराखंड हिमालयी राज्य है। यहां तो हिमालयी मौसम सदा ही रहना है। इस बात को हर व्यक्ति जानता है। अब यदि हिमालयी राज्य के विधायकों को ही अपने प्रदेश में ठंड लग रही है तो उनका यहां रहने का क्या औचित्य है। ऐसे जनप्रतिनिधियों का प्रदेश छोड़कर अपने मनमाफिक मौसम वाली जगहों में चला जाना ही बेहतर होगा।