चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर तरीके से उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य जांच शिविर व स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण को शासन ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक समिति का गठन किया है। निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डा सरोज नैथानी की अध्यक्षता में गठित यह समिति चारधाम मार्ग पर हो रही श्रद्धालुओं की मौत और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के संबंध में अपनी रिपोर्ट व सुझाव शासन को सौंपेगी।
चारधाम यात्रा मार्ग पर आने वाले श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग पर अभी तक 140 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी हैं। यह संख्या सरकार की परेशानी को बढ़ा रही है। इसे देखते हुए सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने चिकित्सकों की एक समिति गठित की है। इसमें विशेषज्ञ के रूप में दून मेडिकल कालेज के डा अनुराग अग्रवाल, कार्डियोलाजी विभाग के डा अमर उपाध्याय तथा हिमालयन अस्पताल के डा नवीन राजपूत को शामिल किया गया है। यह समिति स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी।
चारधाम यात्रा मार्ग के स्वास्थ्य जांच शिविर एवं स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण समिति गुरुवार से करेगी। इस दौरान यह समिति चारधाम यात्रा मार्ग पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तृत आकलन भी करेगी। स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा पर आने वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के श्रद्धालुओं की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच कर रहा है। अस्वस्थ पाए जाने पर उन्हें आगे की यात्रा की अनुमति न देकर वापस भी लौटा रहा है।
अभी तक 259710 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। इनमें से 95 व्यक्तियों को अस्वस्थ पाते हुए वापस भेजा गया है। 6575 श्रद्धालुओं को विभिन्न अस्पतालों में आकस्मिक चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है।