उत्तराखण्ड़ में कोरोना का कहर जारी है, बढ़ते कोरोना संक्रमण ने शासन-प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है। शासन-प्रशासन कोरोना पर नियंत्रण के लिए कई सख्त कदम भी उठाए हैं, लेकिन बढ़ते कोरोना के आगे ये सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। शासन ने अब कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी सरकारी दफ्तरों में सावधानी बरतने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभागों में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, स्क्रीनिंग आदि का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा गया है। दफ्तरों व सभागारों में बैठक और समारोह न करने के निर्देश दिए गए हैं, बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग से ही करने को कहा गया है।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉं पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कार्यालय में दो कुर्सियों के बीच 6 फुट की दूरी जरूरी होगी। कार्यालयों में अनावश्यक आगंतुकों को प्रवेश न करने दिया जाए। इनके साथ ही गर्भवती महिलाओं, जिंन महिलाओं के बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं और 55 वर्ष से अधिक के कर्मियों को कार्यालय न बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किसी भी बीमारी से ग्रसित कर्मचारी को बहुत जरूरू होने पर ही कार्यालय बुलाने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्यालय के सभी कक्षों को दिन में दो बार सैनिटाइज करने और दरवाजे खुले रखने को भी कहा गया है। नए दिशा-निर्देशों के तहत कर्मचारियों को सामूहिक रूप से लंच न करने, बाहर की वस्तुओं का कम से कम उपयोग करने को कहा गया है। इसके अलावा छोटे साइज की लिफ्ट में एक बार में अधिकतम 4 लोग ही जा सकते हैं। घर परिवार या किसी परिजन के पॉजिटिव आने की सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।