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राजीव गांधी नवोदय विद्यालय कोटाबाग में फैली अव्यवस्थाओं के कारण अब तक 146 बच्चों को वापस ले गए अभिभावक….

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राजीव गांधी नवोदय विद्यालय कोटाबाग में फैली अव्यवस्थाओं के कारण अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को वापस ले जाने का सिलसिला जारी है। पहले 106 बच्चों को ले जाने के बाद सोमवार को अभिभावक 40 और बच्चों को ले गए। अभिभावकों ने विद्यालय में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है अन्यथा सभी बच्चों की टीसी कटवा ली जाएगी। इधर एक साथ इतने बच्चों को अभिभावकों की ओर से घर ले जाने के मामले से प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय नेताओं तक में खलबली मची हुई है।

अव्यवस्थाओं का मामला मीडिया में उजागर होने के बाद मामले का संज्ञान लेते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी के निर्देश पर सोमवार सुबह अपर शिक्षा निदेशक लीलाधर व्यास और जिला शिक्षा अधिकारी पुष्कर लाल टम्टा विद्यालय पहुंचे। इसके अलावा विधायक बंशीधर भगत एवं एसडीएम कालाढूंगी रेखा कोहली भी जायजा लेने पहुंची। शिक्षा विभाग के अधिकारियों, विधायक और एसडीएम ने परिजनों को काफी समझाने और बच्चों को विद्यालय से ना जाने की अपील की लेकिन अभिभावक नहीं माने। अभिभावकों का कहना था कि बच्चे अवस्थाओं के अंचार के बीच रहने के लिए मजबूर हैं। विद्यालय के चारों ओर जंगल है, छात्रावास में मेट्रन के दो पद रिक्त हैं जो विद्यालय की स्थापना के बाद से ही खाली हैं। ऐसे में उनके बच्चे यहां सुरक्षित नहीं हैं। जब तक विद्यालय में व्याप्त अनियमिताओं को ठीक नहीं किया जाता, वे अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। विधायक ने स्कूल का निरीक्षण कर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से अभिभावकों  की ओर से उठाई गई समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।

विद्यालय में 325 बच्चे पंजीकृत हैं, विद्यालय में व्यापत अनियमितताओं की जानकारी मिलने पर अभिभावक अब तक 146 बच्चों को विद्यालय से वापस ले गए। अभिभावकों ने मामले में डीएम की ओर से संज्ञान नहीं लेने पर भी नाराजगी जताई। कहा कि विद्यार्थियों का भविष्य संकट में होने के बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

अभिभावकों की मांगें-

तत्काल प्रभाव से विद्यालय में वार्डन और स्वच्छक की वैकल्पिक नियुक्ति की जाए।विद्यालय परिसर की साफ-सफाई की व्यवस्था हो।

विद्यालय में लगे सभी आरओ को सही कराया जाए और बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाए।

वर्षों से खरीदी गई वॉशिंग मशीन का उपयोग शुरू किया जाए ताकि बच्चों को नहर में कपड़े ना धोने पड़े। विद्यालय परिसर में सीसीटीवी लगाए जाएं, बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

मेस में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें बच्चों को भी अल्टरनेटिव व्यवस्था में स्थान दिया जाए।

प्रधानाचार्य के सभी दायित्व किसी एक अधिकारी को दिए जाएं ताकि वे सभी दायित्वों का सक्षम तौर पर निर्वहन कर सकें।