Home अपना उत्तराखंड देहरादून देहरादून नगर-निगम ने अपनी ही बिल्डिंग पर लगाया हाउस टैक्स।

देहरादून नगर-निगम ने अपनी ही बिल्डिंग पर लगाया हाउस टैक्स।

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देहरादून नगर-निगम प्रशासन ने नजीर पेश कर अपनी ही बिल्डिंग पर हाउस टैक्स लगाया है।उसने वर्ष 2016 से शुरू हुए कॉमर्शियल टैक्स के तहत चार साल का करीब 29 लाख रुपये हाउस टैक्स पर 20 प्रतिशत छूट के बाद 25 लाख रुपये टैक्स सोमवार को ही जमा भी करा दिया। नगर निगम प्रशासन ने वर्ष 2016 से कॉमर्शियल टैक्स शुरू किया था। इसके तहत शहर के तमाम सरकारी, अर्द्ध-सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों से कॉमर्शियल हाउस टैक्स वसूला जाना था। इसी कड़ी में नगर-निगम प्रशासन ने खुद को भी इसमें शामिल करते हुए अपनी बिल्डिंग पर हाउस टैक्स लगा दिया है।इसके साथ ही नगर आयुक्त के आदेश पर शहर के 150 सरकारी, अर्द्ध सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं।
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने दावा किया है कि देहरादून नगर निगम देश का पहला नगर निगम है, जिसने अपनी ही बिल्डिंग पर टैक्स लगाया है।उनका कहना है कि जब निगम शहर के अन्य संस्थानों से  टैक्स वसूलता है तो उसे खुद भी टैक्स अदा करना चाहिए। इसी के तहत यह पहल की गई है। उन्होंने साफ कहा कि जब निगम खुद अपनी बिल्डिंग का टैक्स दे रहा है तो अन्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों को भी टैक्स देना होगा।
नगर निगम प्रशासन ने शहर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी नोटिस भेजे हैं।जिसमें ग्राफिक एरा विवि, डीएवी पीजी कालेज, डीबीएस पीजी कालेज, डीआईटी, एमकेपी आदि शामिल हैं।नगर आयुक्तविनय शंकर पांडेय का कहना है कि हम दूसरों से टैक्स वसूलते हैं, जिसके बदले में उन्हें साफ-सफाई समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराते हैं। ऐसे में निगम को भी अपने भवन का टैक्स देना चाहिए। जिसे लेकर 2016 से अब तक बने हाउस टैक्स को जमा करा दिया गया है।ऐसे में सभी को समझ लेना चाहिए कि किसी को भी रियायत नहीं दी जाएगी।उन्हें हर हाल में हाउस टैक्स जमा कराना ही होगा।