उत्तराखंड: जैव विविधता से संपन्न राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के गेट सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं। पर्यटकों के स्वागत के लिए मोतीचूर व चीला रेंज के प्रवेश द्वार को फूलों से सजाया गया है। पर्यटक अब 15 जून तक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। पार्क के डिप्टी डायरेक्टर दीपक कुमार ने ताले खोलकर सैलानियों की गाड़ियों को जंगल सफारी के लिए रवाना किया। इस मौके पर वार्डन अजय कुमार शर्मा, रेंजर अनिल पैन्यूली आदि मौजूद रहे।
राजाजी टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है। पार्क में हाथी, गुलदार, हिरन, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं। मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध राजाजी पार्क में अब टाइगर भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
पर्यटकों की जान से खिलवाड़ करने वाले डग्गामार वाहनों को पार्क में जाने की अनुमति नहीं होगी। वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। चीला के वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि केवल टैक्सी नंबर के रजिस्टर्ड वाहन ही पर्यटकों को पार्क के भीतर ले जाएंगे, इसके लिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं।
निजी वाहन से पार्क में जाने वाले पर्यटकों के साथ नेचर गाइड अनिवार्य रूप से रहेगा। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सबसे आगे व सबसे पीछे चलने वाली गाड़ी के साथ वायरलैस भी होगा, ताकि वन्य जीवों के रास्ते में टकराने की स्थिति में इसकी सूचना एक दूसरे को दी जा सके।
पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क इस बार भी बीते वर्ष की भांति रहेंगे। भारतीय पर्यटक से 150 रुपये, विदेशी से 600 रुपये, भारतीय वाहन से 250, जबकि विदेशी वाहन से 500 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। छात्रों के लिए आधा शुल्क माफ होगा। वन विश्राम भवन में एक रात्रि विश्राम शुल्क 1000 रुपये, डिजिटल व्यवसायिक कैमरा शुल्क 500, फीचर फिल्म निर्माण के लिए एक लाख रुपये व वृत्त चित्र निर्माण पर दस हजार रुपये शुल्क लिया जाएगा।
पीके पात्रो (निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व) का कहना है कि राजाजी पार्क की पर्यटक रेंज सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। पार्क नियमों को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है।