उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी देहरादून कोरोना का स्पॉट बनता जा रहा है, देहरादून में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। देहरादून में मंगलवार को भी 248 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए, वहीं अब सबसे अधिक सक्रिय मामले भी देहरादून में ही हैं। देहरादून के अधिकतर सरकारी कार्यालयों में कोरोना पहुंच चुका है, जिससे कामकाज की रफ्तार भी धीमी पड़ चुकी है। वहीं उत्तराखण्ड सचिवालय में अब कोरोना संकट गहराता जा रहा है, जिससे कार्मिक भी दहशत में हैं। सचिवालय मेें बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोमवार से यहां एंटीजन टेस्ट शुरु किए गए थे। सोमवार को 82 कर्मचारियों की जांच हुई थी। इस बीच सचिव व संयुक्त सचिव समेत चार अफसर-कर्मचारियों में कोरोना की पुष्टि हुई थी।
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मंगलवार को भी सचिवालय में कोरोना जांच होनी थी, और कर्मचारी कोरोना जांच को भी पहुंचे लेकिन जांच नहीं हुई। क्योंकि सचिवालय में कर्मचारियों की जांच करने वाले डॉक्टर ही पॉजिटिव पाए गए। डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सचिवालय की डिस्पेंसरी को सील कर दिया है, कर्मचारियों के एंटीजन टेस्ट भी रोक दिए गए हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते सचिवालय में दो दिन के अंदर 13 ऑफिस सील किए गए हैं।
सचिवालय 7 दिन बंद रखने की मांग-
उत्तराखण्ड सचिवालय संघ ने मुख्य सचिव से सचिवालय को 7 दिन बंद करने की मांग की है। इस संबंध में संघ ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सचिवालय में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात चिंताजनक हैं। डिस्पेंसरी के चिकित्सक ही कोरोना पॉजिटिव आ गए हैं, जिससे कर्मचारियों में चिंता है।
उत्तराखण्ड सचिवालय में कोरोना का कहर 4 अफसर-कर्मचारी पॉजिटिव, 8 अनुभाग सील।
संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी के आदेश जारी हुए थे, लेकिन विभागों के फील्ड स्तरीय अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति दे दी। जिससे सचिवालय में एक बार फिर भीड़-भाड़ की स्थिति पैदा हो गई है। कोरोना के मामले बढ़ने से कई अनुभाग और दफ्तर सील करने पड़े हैं। सचिवालय में एंटीजन टेस्ट कराए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन डिस्पेंसरी के चिकित्सक की ही रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई है। इसे लेकर कर्मचारियों में अपने और अपने परिवार के प्रति चिंता व्याप्त हो गई है।