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छोटे उद्योगों को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ का लोन- वित्त मंत्री।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रैस को संबोधित किया इस दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री ने देश के सामने विजन रखा, लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला हुआ। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का विजन रखा। पीएम ने अर्थव्यवस्था के पांच स्तम्भों की बात कही। स्थानीय ब्रांड को दुनिया के सामने पहचान दिलानी है।

वित्त मंत्री सीतारमण की कही खास बातें-

3 लाख करोड़ के बिना गारंटी के लोन दिए जाएंगे।

घाटे वाली MSMES को 20 करोड़ का कर्ज।

इस लोन से 2 लाख MSMEs को फायदा।

अच्छी क्षमता वाली MSMEs को 10 हजार करोड़।

MSMEs के विस्तार के लिए 50 हजार करोड़।

MSMEs में निवेश, टर्नओवर की सीमा बढ़ाई गई।

माइक्रो कंपनियां निवेश 1 करोड़, टर्नओवर 5 करोड़।

स्मॉल कंपनियां- निवेश 10 करोड़, टर्नओवर 50 करोड़।

मीडियम कंपनी- 20 करोड़ निवेश, टर्नओवर 100 करोड़।

200 करोड़ की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर नहीं।

15 हजार से कम वेतन वालों का ईपीएफ सरकार देगी।

संस्थाओं को ईपीएफ योगदान में 2500 करोड़ की मदद।

अगले 3 महीनों तक मिलती रहेगी सरकार से मदद। 3.67 लाख संस्थाओं के 72 लाख लोगों को लाभ।

कंपनियां 12 की बजाय 10% ईपीएफ जमा करेंगी।

छोटे उद्योगों को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ का लोन-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मध्यम, लघु और कुटीर उद्योगों के सामने पैंसे की कमी है, और ये भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ये उद्योग बारह करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। तीन लाख करोड़ रुपए तक को कोलेटरल फ्री ऑटोमेटिक लोन एमएसएमई को बिना गारंटी के दिया जाएगा।

इसमें किसी को अपनी ओर से कोई गारंटी नहीं देनी होगी। इसकी समय सीमा चार साल की होगी और पहले एक साल में मूलधन चुकाना नहीं पड़ेगा। 12 महीनों के लिए इस पर छूट रहेगी। ये कर्ज 31 अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध होंगे, इसमें कोई गारंटी या कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी। जो एमएसएमई अच्छा कारोबार कर रही हैैं, विस्तार करना चाहते हैं, आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें अपना आकार बढ़ाने की सुविधा नहीं मिल पाती थी उनके लिए फंड ऑफ फंड्स बनाया जा रहा है। इससे पचास हजार करोड़ की इक्विटी आएगी। इससे एमएसएमई को अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा हम एमएसएमई की परिभाषा बदल रहे हैं, ताकि उन्हें अपने आकार के बढ़ने की चिंता न हो, उन्हें कद बढ़ने पर भी वही फायदे मिलेंगे जो एमएसएमई रहते हुए मिल रहे थे। ये मांग कई सालों से चली आ रही थी, अब हम ये करने जा रहे हैं।

पहले 25 लाख से कम की उत्पादन यूनिट को माइक्रो इंडस्ट्री माना जाता था, अब एक करोड़ तक के निवेश की यूनिट को भी माइक्रो यूनिट माना जाएगा।

1 करोड़ तक के निवेश वाली सर्विस सेक्टर की यूनिट भी माइक्रो माना जाएगा।

वहीं दस करोड़ तक के निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार करने वाली यूनिट को स्माल एंटरप्राइज माना जाएगा।

मीडियम उद्योग के लिए बीस करोड़ तक का निवेश और सौ करोड़ तक के टर्नओवर का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री ने जो कल लोकल के लिए वोकल होने की बात कही थी, ये उसी के तहत किया जा रहा है। सभी एमएसएमई को ई- मार्केट के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके अलावा व्यापार मेलों में कैसे एमएसएमई शामिल हो सके, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। जो हमारे सार्वजनिक केन्द्र उपक्रम हैं, उनमें जो उनके लंबित पेमेंट हैं उन्हें 45 दिनों के भीतर किया जाएगा।