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चम्पावत- जीआईसी सूखीढांग में एक बार फिर मिल-डे मिल को लेकर विवाद, स्वर्ण बच्चों ने दलित भोजनमाता के हाथ का बना भोजन नहीं खाया….

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चम्पावत के जीआईसी सूखीढांग में स्वर्ण बच्चों द्वारा दलित भोजनमाता के हाथ से बना भोजन नहीं खाने का मामला फिर सामने आय़ा है। यहां 20-30 सवर्ण बच्चों के दलित भोजनमाता के बनाए भोजन का बहिष्कार करने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को स्कूल प्रबंधन ने इस संबंध में सवर्ण बच्चों के अभिभावकों की बैठक बुलाई, पर वार्ता बेनतीजा रही।

जीआईसी सूखीढांग में मिड डे मील के लिए कक्षा एक से 8 तक 57 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें 37 सवर्ण और 20 एससी वर्ग के हैं। बीती 17 मई को 22, 18 मई को 35 और 19 मई को 28 सवर्ण बच्चों ने मिड डे मील नहीं खाया।

बता दें कि करीब छह माह पूर्व भी इसी स्कूल के सवर्ण बच्चों ने दलित भोजनमाता के हाथों बना खाना छोड़ दिया था। मामले की जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई, खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में यह बात सामने आई है कि सुखीढांग जीआईसी में भोजन माता विवाद स्कूल प्रबंधन और पीटीए की तनातनी के चलते हुआ। बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीआईजी कुमाऊं को भोजन माता प्रकरण की जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए थे। मामला तूल पकड़ा तो उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर 30 दिसंबर 2021 को एससी वर्ग की सुनीता को प्राथमिकता देते हुए सर्वसम्मति से भोजनमाता पद पर दोबारा नियुक्ति दे दी थी। लेकिन एक बार फिर यह विवाद सामने आने पर शिक्षा विभाग में हडकंप मचा हुआ है।