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सीबीएसई ने 9वीं और 10वीं की परीक्षा प्रणाली में किया बदलाव, अब छात्रों के लिए खुलेगा अंकों का पिटारा

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सीबीएसई 9वीं और 10वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों पर अब अंकवर्षा होगी। बोर्ड ने परीक्षा की प्रणाली में कई अहम बदलाव किए हैं। इसके तहत कुछ बदलाव इसी साल से लागू हो चुके हैं, जबकि कुछ बदलाव नए सत्र से लागू होंगे। इसका असर वर्ष 2020 की परीक्षाओं में नजर आएगा।

नेशनल असेसमेंट सर्वेक्षण-2017 के तहत, 10वीं में छात्रों के गणित में 52 प्रतिशत, विज्ञान में 51 प्रतिशत, सामाजिक विज्ञान में 53 प्रतिशत, इंगलिश में 58 प्रतिशत और मॉडर्न इंडियन लैंग्वेज में 62 प्रतिशत औसत अंक आ रहे हैं।

इस परीक्षा परिणाम को सुधारने के लिए परीक्षा की प्रणाली में कुछ बदलाव किए गए हैं। सीबीएसई के निदेशक अकादमिक डॉ. जोसेफ इमेन्युअल की ओर से बदलाव की रूपरेखा जारी की गई है।

आंतरिक परीक्षाओं में यह बदलाव
पहले पीरियोडिक टेस्ट 10 अंकों का होता था, अब इसे पांच-पांच अंकों के दो हिस्सों में बांट दिया गया है। पांच अंक का पेन पेपर टेस्ट होगा, जबकि पांच अंक की क्विज, ओरल, कांसेप्ट मैप आदि होंगे।

नोटबुक के पहले पांच अंक मिलते थे जो अब क्लासवर्क के साथ ही स्वयं मूल्यांकन के लिए दिए जाएंगे। अभी तक साइंस में प्रैक्टिकल के पांच अंक मिलते थे। अब साइंस के साथ ही सोशल साइंस में भी प्रोजेक्ट वर्क के पांच अंक दिए जाएंगे।

10वीं बोर्ड और 9वीं वार्षिक परीक्षा में यह बदलाव
20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे जो कि इसी साल की परीक्षाओं से लागू कर दिए गए हैं। इसके अलावा 60 अंकों की परीक्षा सब्जेक्टिव होगी। यह बदलाव इसलिए किया ताकि छात्र प्रश्नों का और बेहतर जवाब दे सके। 20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न होने से निश्चिततौर पर छात्र के लिए परीक्षा पास करने की राह आसान हो जाएगी।

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