कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू निषेध को लेकर स्कूली बच्चों को शपथ दिलाई। उन्होंने तम्बाकू और उससे जुड़े उत्पादों की बजाए इलायची और सौंफ अपनाने को कहा। वहीं, विद्यालय द्वारा सुलेख एवं श्रुतलेख नवाचार का भी उद्घाटन भी किया।
मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज डोभालवाला देहरादून में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ग और हर उम्र के व्यक्ति के लिए तंबाकू या उससे बने उत्पादों, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन हानिकारक है। खुद इस तरह के उत्पाद बनाने वाली कंपनियां भी इससे होने वाले दुष्परिणामों को भी बताती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में तकरीबन 2700 लोग तंबाकू या इससे बनने वाले उत्पादों का सेवन करने से मृत हो जाते हैं। भारत में 50 फ़ीसदी लोग दूसरों के द्वारा बीड़ी सिगरेट के सेवन से निकलने वाले हुए से प्रभावित होते हैं। कहा कि उत्तराखंड में यह संख्या 85 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तंबाकू एवं अन्य तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा, तंबाकू वाले मसाले, बीडी, सिगरेट, हुक्का, सिगार ऐसे तमाम उत्पादों को 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए प्रतिबंधित किया है। कैबिनेट मंत्री ने आग्रह करते हुए कहा कि तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट की जगह इलायची, सौंफ को अपनाएं।
प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने विद्यालय द्वारा सुलेख एवं श्रुतलेख नवाचार का भी उद्घाटन किया। उन्होंने विद्यालय द्वारा सुलेख एवं श्रुतलेख की समस्या को दूर करने के लिए रिंगाल की कलम से लिखने का अभ्यास कराये जाने की प्रशंसा की। कहा कि इससे बच्चों की सुलेख में परिवर्तन आएगा। कहा कि राइका डोभालवाला देहरादून आधुनिक युग में भी एक नवाचारी प्रयोग के तहत अनुपलब्ध रिंगाल को उपलब्ध कराकर नौनिहालों के लेख में परिवर्तन करने का सार्थक प्रयास कर रहा है। इससे अन्य शिक्षण संस्थानों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विद्यालय में छात्र छात्राओं के सुलेख एवं श्रुतलेख में गुणात्मक सुधार हो रहा है। विद्यालय के छात्र छात्राओं में रिंगाल की कलम से लिखने को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।
इस मौके पर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैत्री, मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ मुकुल कुमार सती, खंड शिक्षा अधिकारी दीपक सिंह राणा, के अग्निहोत्री, समाजसेवी स्वेताराय तलवार, डॉ दिनेश चौहान, पीके सिंघल सहित विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।