उत्तराखंड की राजनीति से आज एक बड़ी खबर सामने आई है, भाजपा नेता व उत्तराखण्ड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में पार्टी हाईकमान को भी अवगत करा चुके हैं। हालांकि उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने से इंकार करते हुए कहा कि जो चुनाव नहीं लड़ता जरूरी नहीं है कि वह राजनीति छोड़ दे। उन्होंने कहा कि वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं, वे जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष करते थे और करते रहेंगे। जनता उनके लिए सर्वोपरि है।
बता दें कि शासन ने दो दिन पहले कर्मकार कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया था। बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह थे, और इस पुनर्गठन में अध्यक्ष पद से वे बाहर हो गए थे।
हालांकि इस पुनर्गठन के बाद मंत्री हरक सिंह रावत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन आज जिस तरह मंत्री हरक सिंह रावत ने आगामी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है, उससे कहीं न कहीं इस मुद्दे को भी जोडकर देखा जाएगा।
बीते दिनों भाजपा संगठन अपने विधायकों के बयानों से असहज नजर आई थी विधायक पूरन फर्त्याल ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देना का आरोप लगया था, जिसके लिए पार्टी ने उन्हें नोटिस भी जारी किया वहीं विधायक महेश नेगी के मामले में अभी भी पार्टी के ऊपर दबाव है। क्योंकि विपक्ष बीच-बीच में इस मुद्दे पर सरकार को घेरता रहा है।