बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर शिक्षा से जोड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर जनपद देहरादून में दिनांक 01 मई, 2019 से चलाया जाएगा ’’ऑपरेशन मुक्ति’’। अभियान की तैयारी के सम्बन्ध में आज दिनांक 26 अप्रैल, 2019 को श्री अशोक कुमार आईपीएस, DG Law & Order Sir की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में पुलिस अधिकारियों, सम्बन्धित विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की एक गोष्ठी आयोजित की गयी।
श्री अशोक कुमार आईपीएस ने बताया कि प्रदेश में बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान चलाया जाएगा। सर्वप्रथम जनपद देहरादून शहर को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिए दिनांक 01 मई, 2019 से 30 जून, 2019 (02 माह) तक विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर ‘‘भिक्षा नहीं, शिक्षा दो‘‘ की टैग लाईन के साथ ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस की एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट हरिद्वार, कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल), उत्तरकाशी, हल्द्वानी (नैनीताल), बनबसा (चम्पावत), पिथौरागढ़ व विकासनगर (देहरादून) की 04 टीमों द्वारा सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य Integrated Drive एवं Enforcement के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की रोकथाम करना, जनता को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करना, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ना है। क्षेत्राधिकारी नगर, देहरादून अभियान के नोडल अधिकारी होंगे। अभियान की समीक्षा क्षेत्राधिकारी नगर, देहरादून द्वारा प्रत्येक दिवस, पुलिस अधीक्षक, नगर द्वारा साप्ताहिक एवं पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड द्वारा प्रत्येक दिवस की जाएगी।
’’ऑपरेशन मुक्ति’’ तीन चरणों में सम्पादित किया जाएगा। प्रथम चरण (Observation Period) के अन्तर्गत एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स व विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिजनों का विवरण तैयार किया जाएगा।
द्वितीय चरण (Awareness & Enforcement Period) में देहरादून के समस्त स्कूल, काॅलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चैराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि महत्वपूर्ण स्थानों, पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिजनों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा।
तृतीय चरण (Enforcement & Rehabilitation Period) के अन्तर्गत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करने की कार्यवाही तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर डी0एन0ए0 टेस्ट की कार्यवाही की जाएगी।