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अटल आयुष्मान उत्तराखंड से अभी तक 38 हजार लोगों का हुआ फ्री में इलाज…

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हम लोग अक्सर सरकारों को कोसते रहते हैं…कहते हैं कि योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच रही…कुछ महीनों पहले शुरू हुई अटल आयुष्मान योजना को लेकर भी कई तरह की नेगेटिव बातें सुनने को मिलीं, लेकिन सच्चाई ये है कि योजना के जरिए अब पहाड़ का वो आदमी भी अपना मुफ्त इलाज करवा पा रहा है, जिसकी गरीबी की वजह से कोई सुध नहीं लिया करता था। कैंसर, हृदय रोग और गुर्दा रोग जैसी गंभीर बीमारियों में भी लाभार्थियों को अटल आयुष्मान योजना के तहत इलाज का लाभ मिला है..अब उन्हें बीमार होने पर ये चिंता नहीं करनी पड़ती की इलाज के लिए कर्जे की रकम कैसे जुटाएंगे…ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सरकार की तरफ से जारी आंकड़े कह रहे हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 26 जनवरी से अब तक 38 हजार मरीजों को मुफ्त इलाज का फायदा मिला है, इनके इलाज पर खर्च हुई 37 करोड़ की रकम सरकार की तरफ से संबंधित अस्पतालों को दे दी गई है।

हाल ही में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कोटिया ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि योजना के तहत अब तक 32 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। 26 जनवरी से अब तक 38 हजार मरीजों को मुफ्त इलाज का फायदा मिला, इसके एवज में अस्पतालों को 37 करोड़ का भुगतान किया गया। सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में हुआ, यहां 6990 मरीजों ने अपना इलाज कराया, जिसके एवज में अस्पताल को 6 करोड़ 72 लाख रुपए अदा किए गए। दूसरे नंबर पर है ऋषिकेश का एम्स हॉस्पिटल जहां 3700 मरीजों का इलाज हुआ। तीसरे नंबर पर 3635 मरीजों का इलाज करने वाला महंत इंदिरेश हॉस्पिटल है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी चौथे नंबर पर है, यहां 2060 मरीजों का इलाज किया गया।

1172 मरीजों को योजना के तहत इलाज उपलब्ध कराकर दून अस्पताल पांचवे नंबर पर है। छठे नंबर पर बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी है, जहां योजना के तहत 1057 मरीजों ने इलाज कराया। दूरस्थ पहाड़ी जिलों तक के लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच रहा है। योजना के तहत टिहरी में 2310 मरीज इलाज करा चुके हैं। चमोली के मरीजों की संख्या 1252 है, पौड़ी में 2175 लोगों को मुफ्त इलाज मिला, जबकि पिथौरागढ़ में 1017 और उत्तरकाशी में 1223 लोगों ने योजना का लाभ उठाया। चलिए अब आपको बताते हैं कि योजना के तहत किस-किस बीमारी का इलाज हुआ, इनमें सर्जरी के 14536 मामले थे। हृदय रोग के 802 मरीजों को इलाज मिला। कैंसर के 1374, गुर्दा रोग के 760 और न्यूरो सर्जरी के 285 मामले शामिल हैं। हड्डी फ्रैक्चर के 1614 मरीजों को भी योजना के तहत मुफ्त इलाज मुहैया कराया गया। ये आंकड़े उन लोगों की आंखें खोल देने के लिए काफी हैं, जिन्हें अटल आयुष्मान योजना में केवल खामियां ही खामियां दिख रही हैं। सच्चाई अब आंकड़ों के तौर पर सबके सामने है। पहाड़ के गरीब लोगों के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं…उम्मीद है आने वाले दिनों में हालात और बेहतर होंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा।