कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन सवालों के जवाब दिए हैं।
क्या कोरोना की वैक्सीन सभी को एक साथ दी जाएगी ?
सरकार ने उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता पर वैक्सीनेशन के लिए चिन्हित किया है। पहले समूह में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल है, दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा वे लोग जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं। इसके बाद वैक्सीन को अन्य सभी जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या यह वैक्सीन सुरक्षित होगी क्योंकि इसे बहुत कम समय में बनाया गया है ?
सुरक्षा और प्रभाव के डेटा की जांच के आधार पर मंजूरी के बाद ही नियामक निकायों द्वारा वैक्सीन लगाई जाएगी।
क्या वैक्सीन लेना अनिवार्य है ?
कोरोना के लिए वैक्सीन स्वैच्छिक। हालांकि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक आवश्यक है।
क्या कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति को भी वैक्सीन लेना आवश्यक है ?
पहले से संक्रमित होने के बावजूद वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है क्योंकि यह एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने में मदद करेगा।
क्या कोरोना (पुष्टि/संदिग्ध) संक्रमित को भी वैक्सीन लगाया जा सकता है ?
संक्रमित व्यक्तियों को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक वैक्सीनेशन स्थगित करना चाहिए क्योंकि वे वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैलाने का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
उपलब्ध कई वैक्सीन में से प्रशासन के लिए एक या एक से अधिक वैक्सीन कैसे चुनें ?
लाइसेंस देने से पहले ड्रग नियामक द्वारा वैक्सीन उम्मीद्वारों के नैदानिक परीक्षणों से सुऱक्षा और प्रभावकारिता डेटा की जांच की जाती है। इसीलिए सभी लाइसेंस प्राप्त कोरोना वैक्सीन सुरक्षित औऱ प्रभावकारी होंगे। हालांकि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पूरी सूची केवल एक प्रकार के वैक्सीन से पूरी होती है क्योंकि विभिन्न वैक्सीन विनिमेय नहीं है।
क्या भारत में इस्तेमाल किया जाने वाला वैक्सीन उतना ही प्रभावी होगा जितना दूसरे देशों में शुरु किया गया ?
हां! भारत में शुरू की गयी कोरोना वैक्सीन उतनी ही प्रभावी होगी जितनी अन्य देशों द्वारा विकसित वैक्सीन, वैक्सीन परीक्षणों के विभिन्न चरणों में इसकी सुऱक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।
अगर मैं वैक्सीन के लिए योग्य हूं तो मुझे पता कैसे चलेगा ?
पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से वैक्सीन और उसके निर्धारित समय के बारे में स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा सूचित किया जाएगा।
पात्र लाभार्थी के पंजीकरण के लिए कौंन से दस्तावेज आवश्यक हैं ?
पंजीकरण के समय फोटो के साथ आधार/ड्राइविंग लाइसेंस/ वोटर आईडी/पैनकार्ड/पासपोर्ट/जॉब कार्ड/पेंशन दस्तावेज आदि दिखाए जा सकते हैं।
यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है, तो क्या वह कोरोना वैक्सीन ले सकता है ?
हां। इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है। उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है।
कोरोना वैक्सीन की कितनी खुराक किस अंतराळ पर लेनी होगी ?
वैक्सीनेशन पूरा करने के लिए 28 दिन के अंदर एक व्यक्ति द्वारा वैक्सीन की 2 खुराक ली जानी चाहिए।
खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी कब विकसित होगी ?
कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद आमतौर पर एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है।
कोरोना वैक्सीन से संभावित दुष्प्रभावों के बारे में क्या ?
सुरक्षा सिद्ध होने पर ही कोरोना वैक्सीन का उपयोग किया जाएगा। जैसा कि अन्य वैक्सीन के साथ होता है कुछ व्यक्तियों में सामान्य दुष्प्रभाव, हल्का बुखार, दर्द आदि हो सकता है। राज्यों को कोरोना वैक्सीन से संबंधित किसी भी दुष्प्रभाव से निपटने के लिए व्यवस्था करना शुरु करने के लिए कहा गया है।