उत्तराखण्ड- उत्तर प्रदेश के बीच लंबे समय से चल रहे परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में उत्तराखण्ड़ रोड़वेज के लिए अच्छी खबर सामने आई है। करीब 19 साल बाद रोडवेज की परिसंपत्तियों के विवाद का पटाक्षेप हो गया। उत्तर-प्रदेश ने उत्तराखण्ड रोड़वेज को बकाया 100 करोड़ रूपए जारी कर दिए हैं। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि यह धनराशि मिल जाने से रोडवेज की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में मदद मिलेगी। सोमवार को परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि यूपी से 100 करोड़ रुपये मिलने के साथ रोडवेज का परिसंपत्ति विवाद भी समाप्त हो गया है।
बीते साल 18 नवंबर 2021 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के बीच रोडवेज के बंटवारे के रूप में उत्तराखंड को 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी थी। 105 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं। उत्तराखंड में रोडवेज का गठन 2003 में हुआ था। इसके बाद से ही यूपी के साथ परिसंपत्तियों को लेकर विवाद चल रहा था।
परिवहन मंत्री ने कहा कि सीएम ने वर्ष 2025 में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है। इसके तहत रोडवेज काठगोदाम में आईएसबीटी, टनकपुर डिपो को सेंट्रल डिपो के रूप में विकसित करेगा। इसके साथ ही काशीपुर, रामनगर, हल्द्वानी, पौड़ी, श्रीनगर, हरिद्वार, रुड़की को आधुनिक डिपो बनाया जाएगा।
परिवहन मंत्री ने कहा कि रोडवेज में अनावश्यक खर्च को कम करने के लिए बड़ा निर्णय लिया जा रहा है। इसके तहत रोडवेज के मुख्यालय को यूसीएफ दफ्तर से हटाकर सहस्त्रधारा रोड पर कुल्हाल स्थित परिवहन आयुक्त मुख्यालय में शिफ्ट किया जाएगा। इससे रोडवेज को किराए के रूप में हर साल करीब 30 लाख रुपये की बचत होगी।