अल्मोड़ा जनपद में 20 अगस्त को कोरोना की आशंका के चलते निजी अस्पताल ने गर्भवती महिला को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ाया, इलाज नहीं मिलने के कारण महिला ने बाद में दम तोड़ दिया था। इस मामले पर अब प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि 20 अगस्त को गर्भवती महिला आशा देवी पत्नी मुन्ना सिंह निवासी ग्राम कटारमल कोसी हवालबाग, अल्मोड़ा की हुई मृत्यु के वास्तविक कारणों की मजिस्ट्रीयल जॉच हेतु अपर जिला मजिस्ट्रेट बी. एल. फिरमाल, को जॉच अधिकारी नामित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत उप जिला मजिस्ट्रेट, सदर सीमा विश्वकर्मा, एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, गो. सि. मा. रा. चिकित्सालय, रानीखेत डॉ डी०एस० नेई, उक्त मजिस्ट्रीयल जाँच में अपर जिला मजिस्ट्रेट/जॉच अधिकारी को पूर्ण सहयोग प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट ने जांच अधिकारी को निर्देश जारी किये हैं कि वे उक्त घटना के समस्त पहलुओं की गहनतापूर्वक जॉच कर अपनी प्रारम्भिक जॉच आख्या दिनॉक 25 अगस्त तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराते हुए विस्तृत मजिस्ट्रीयल जाँच आख्या एक पक्ष अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
बता दें कि 20 अगस्त को कोसी कटारमल निवासी गर्भवती आशा देवी जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल पहुंची, महिला को सांस लेने में दिक्कत थी ऐसे में निजी अस्पताल से उसे सरकारी अस्पताल भेजा गया। बेस अस्पताल में महिला की कोरोना जांच हुई और महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन उसकी हालत बिगड़ने लगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
उत्तराखंड शासन के निर्देश पर फिलहाल इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है, जिलाधिकारी ने जांच अधिकारी से 25 अगस्त तक अपनी प्रथम जांच आख्या रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अब देखना होगा कि यह मामला भी केवल जांच तक ही सीमित रहता है या दोषियों पर कई कार्रवाई भी होगी।