केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का काम पात्र महिला लाभार्थी तक पहुंचाना सम्बन्धित विभाग का दायित्व है संचालित योजनाओं की जानकारी प्रत्येक पात्र तक पहुंचे इस पर विशेष ध्यान दिया जाय। यह बात अध्यक्ष राज्य महिला आयोग कुसुम कण्डवाल ने सर्किट हाउस में आयोजित विभागीय अधिकारियों के साथ महिला योजनाओं की समीक्षा बैठक में कही।
उन्होंने सभी विभागों जिनमें महिला, बलिका विकास की योजनायें संचालित की जा रही है को निर्देश देते हुए कहा है कि महिला उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र महिला तक पहुंचे जिससे महिला कल्याण योजनायें धरातल पर दिखाई दें। उन्होंने कहा कि महिला हित में अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि योजनायें महज कागजी कार्यवाही बनकर न रहने पाये योजनाओं का लाभ देकर महिलाओं का उत्थान कर ही महिला योजनायें सार्थक हो सकेंगी। राज्य में महिला व बाल अपराध का विशेष संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है।
कुसुम कण्डवाल ने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं जिनके पास आजीविका के साधन नहीं है ऐसी जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार मुहैया कराकर विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाय। उन्होंने उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को भी कहा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महिला समूहों को और अधिक सशक्त व रोजगार से जोड़ने को कहा। ताकि महिलाओं की आजीविका में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि महिला मजबूत व शिक्षित होगी तभी राष्ट्र और प्रदेश मजबूत होगा।
शिक्षित व विकसित समाज निर्माण के लिए आवश्यक है कि अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें जिससे समाज में दिन प्रतिदिन हो रही अप्रत्याशित घटनाओं और उत्पीड़न पर रोक लग सके। उन्होंने कहा कि महिला घरेलू हिंसा पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने ऑगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने की भी जानकारी ली तथा बच्चों में कुपोषण न हो इसके लिए विशेष सर्तकता बरती जाय। उन्होंने बताया कि कतिपय बालिका स्कूलों में शौचालयों की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है जिसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय।