नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे के पहले दिन अहमदाबाद में देश को एक बड़ी सौगात देते हुए वन नेशन वन कार्ड लॉन्च कर दिया। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के नाम से पेश किया गया यह कार्ड आपको देश के किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने की आजादी देगा और इसकी मदद से आप वहां भुगतान कर सकेंगे। इसका मतलब आपको हर वक्त जेब में कैश रखकर नहीं चलना होगा।
वन नेशन वन कार्ड को भारत ईलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड ने ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम स्वागत के साथ ईजाद किया है। देश के सभी शहरों के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में इससे भुगतान किया जा सकेगा। किसी भी शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक कार्ड से भुगतान किया जा सकेगा साथ ही रूपे कार्ड को इसमें जोड दिए जाने के बाद क्रेडिट कार्ड की तरह पैसा निकाला भी जा सकेगा।
इस फीचर के जरिए टिकट काउंटर की पीओएस मशीन पर कार्ड को उपयोग करने के अलावा आप मेट्रो रेल स्मार्ट कार्ड के तौर पर भी इनका उपयोग कर पाएंगे। अब बैंक जो भी नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करेंगे उनमे नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड फीचर होगा। ये किसी और वॉलेट की तरह ही काम करेगा।
ऐसे करेगा काम
– रुपे का यह कार्ड संबंधित बैंक द्वारा डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड की तरह जारी किया जा सकता है।
एक आम डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ रुपे वन नेशन वन कार्ड एक कॉन्टेक्टलेस कार्ड है जो मेट्रो रेल स्मार्ट कार्ड की तरह होगा।
– अगर आप भी इसे पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा।
रुपे नव नेशन वन कार्ड, नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड के सपोर्ट के साथ देश के 25 बैंकों में उपलब्ध होगा जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल हैं।
– वन नेशन वन कार्ड को पेटीएम पेमेंट बैंक द्वारा भी जारी किया जा सकेगा।
इन चीजों में आएगा काम
– रुपे का वन नेशन वन कार्ड शॉपिंग के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा।
– इसके अलावा किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इसके माध्यम से पेमेंट किया जा सकेगा फिर वो बस हो या मेट्रो ट्रेन
– इसके अलावा वन नेशन वन कार्ड आपको पार्किंग और टोल टैक्स देने तक में काम आएगा।
– यूजर विदेश यात्रा के दौरान इस कार्ड की मदद से एटीएम पर 5 प्रतिशत कैशबैक और मर्चेंट आउटलेट्स पर 10 प्रतिशत कैशबैक का भी लाभ ले सकेंगे।
– इस नई पहल को ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट ‘ स्वागत’ ने डेवलप किया है जहां एक ओपन लूप ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम ‘ स्वीकार’ का इस्तेमाल किया गया है