उत्तराखण्ड़ के पहाड़ों के हरे-भरे पहाड़ व धार्मिक स्थल हमेशा पर्यटकों को लुभाते हैं, लेकिन इन्हीं पहाड़ों के दूरस्थ क्षेत्रों के दुर्गम रास्ते आपदा के दौरान स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासन व प्रबंधन तंत्र के लिए चुनौती भरे होते हैं। इन्हीं सब चुनौैतियों को देखते हुए एसडीआरएफ अब आपदा या ट्रेकिंग के दौरान पहाड़ में फंसे लोगों को ड्रोन से दवा, पानी और भोजन उपलब्ध कराएगा। यह ड्रोन दो किलो तक सामान लेकर उड़ सकेगा। एसडीआरएफ उच्च तकनीक के ड्रोन की खरीददारी करने की तैयारी में है।पहले चरण में आईटीडीए की मदद से करीब 24 जवानों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दे दी गई है। उत्तराखंड की खूबसूरती निहारने देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्वतारोही आते हैं। अक्सर पर्वतारोहियों के ऊंची पहाड़ियों में फंसने की सूचनाएं भी आती रहती हैं।पहले इन पर्वतारोहियों को पता लगाने में एसडीआरएफ जवानाें को कई-कई दिन लग जाते थे, लेकिन अब ड्रोन के सहारे रेस्क्यू टीम का काम काफी आसान हो जाएगा। एसडीआरएफ वर्ल्ड बैंक की मदद से उच्च तकनीक ड्रोन खरीदेगा।
एसडीआरएफसेनानायकतृप्ति भट्ट ड्रोन से आपदा और ट्रेकिंग के दौरान फंसे लोगाें को राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी। इसमें फर्स्ट एड किट, पानी और राशन का दूसरा सामान शामिल होगा। साथ ही पहाड़ों का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जहां पर कम्यूनिकेशन की दिक्कत है। ड्रोन के माध्यम से पर्वतारोहियों को वायरलेस भी भेजा जा सकेगा।
आपदा अथवा ट्रेकिंग में फंसे लोगाें को तत्काल राहत पहुंचाने के इरादे से दो किलो सामान उठाने की क्षमता रखने वाले ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।ड्रोन के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों में फंसे लोगाें को दवा, पानी और भोजन उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा। एसडीआरएफ के जवानाें को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग करा दी गई है।